उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शनिवार को उस समय हडकम्प मच गया, जब यहां सरकारी स्कूल की बिल्डिंग में पढ़ाई कर रहे कक्षा पांच के छात्र के ऊपर छत का प्लास्टर टूटकर गिरा, जिसमें छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया, उसे नाजुक हालत में BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. चार अन्य छात्र भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

घटना के बाद स्कूल की प्रधानाचार्य सुनीता अग्रहरी को निलंबित कर दिया गया है, और जिले के सभी स्कूलों की इमारतों की जांच के आदेश जारी किए गए हैं.

बालापार गांव स्थित स्कूल की घटना

चिलुआताल थाना क्षेत्र के बालापार गांव में स्थित कंपोजिट विद्यालय की स्थापना 1993 में हुई थी. यह स्कूल लंबे समय से जर्जर हालत में है. शनिवार सुबह कक्षा 5 में पढ़ाई के दौरान पहली पंक्ति पर बैठे एक छात्र के सिर पर छत का प्लास्टर का बड़ा टुकड़ा अचानक टूटकर गिर गया. सिर में गंभीर चोट लगने से छात्र के सिर से खून बहने लगा, जिससे स्कूल में हड़कंप मच गया. शिक्षक और अन्य कर्मचारी घायल बच्चे को संभालने में जुट गए.

आनन-फानन में बच्चे को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर देखकर डॉक्टरों ने उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. बीआरडी में उसका इलाज चल रहा है, लेकिन उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. हादसे में आसपास बैठे चार अन्य छात्रों को भी हल्की चोटें आईं.

पहले भी गिर चुकी थी इमारत

बालापार की रहने वाली पूर्व छात्रा कक्षा आठ की छात्रा नाजबीन ने बताया कि वाली स्कूल का भवन पुराना और जर्जर है. उन्होंने कहा कि पहले भी स्कूल का छज्जा टूटकर गिर चुका है. इसकी मरम्मत करानी चाहिए थी. वहीं छात्र साहिल ने बताया कि बारिश के कारण छत कमजोर हो गई थी. पहले भी छज्जा गिर चुका था, लेकिन शिक्षकों ने ध्यान नहीं दिया.

प्रशासन की कार्रवाई

गोरखपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र सिंह ने बताया कि हादसे के बाद तत्काल कार्रवाई की गई. प्रधानाचार्य सुनीता अग्रहरी को लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि घायल बच्चे का इलाज कराया जा रहा है, और उसका सिटी स्कैन भी किया गया है। बच्चा अब स्थिर है.

बीएसए ने सभी शिक्षकों से अपील की कि बरसात के मौसम में जर्जर भवनों में कक्षाएं न चलाएं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पढ़ाएं. उन्होंने बताया कि जिले में 250 जर्जर स्कूल भवनों का ध्वस्तीकरण कर नए भवनों का निर्माण कराया जा रहा है. डीएम की ओर से जारी एडवाइजरी में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जर्जर कमरों में कक्षाएं न चलें और बच्चों को पास के स्कूलों में शिफ्ट किया जाए.

स्कूलों की जांच के आदेश

इस हादसे के बाद गोरखपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी स्कूलों की इमारतों की जांच के आदेश जारी किए गए हैं. पीडब्ल्यूडी से भवनों का मूल्यांकन कराया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. बीएसए ने कहा कि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा सर्वोपरि है. जर्जर भवनों में कक्षाएं चलाना अस्वीकार्य है.