UP News: गोरखपुर शहर (Gorakhpur) में कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. इनके डर से लोगों में हाइड्रोफोबिया का खतरा बढ़ गया है. दरअसल, ब्रीडिंग का समय होने की वजह से कुत्ते आक्रामक होते जा रहे हैं. ये कुत्ते बच्चों पर जानलेवा हमले कर रहे हैं जिससे  शहर में उनका दहशत फैला हुआ है. आलम यह है कि हर दिन 250-300 लोग कुत्ते द्वारा काटे जाने की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं.

शहर में आवारा कुत्तों के साथ ही पालतू कुत्ते भी आक्रामक होते जा रहे हैं. इनके मालिक जब इन्हें बाहर घूमाने लाते हैं तो ये लोगों पर हमला कर देते हैं. कुत्तों के हमलों का शिकार अधिकतर बच्चे हो रहे हैं. इनके हमले से रेबीज का खतरा भी बढ़ रहा है. सरकारी अस्‍पताल में जहां हर रोज 250-300 केस रोज आ रहे हैं तो वहीं प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है.

कुत्तों से बचकर रहने की दी जा रही सलाह

रेबीज के खतरे के बीच हैरान करने वाली बात यह है कि पालतू कुत्ते अपने घर के बच्चों को शिकार बना रहे हैं. ऐसे में बरसात के पहले कुत्तों के काटने और रेबीज का टीका लगवाने के लिए जिला अस्पताल में हर रोज लगभग 300 लोग आ रहे हैं. प्रशासन ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि शहर में कुत्तों के हमले की संख्या बढ़ गई है.

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गोरखपुर जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. जे.एस.पी. सिंह बताते हैं कि शहर में हर दिन 250 से 300 केस आ रहे हैं. अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है. कुत्तों के आक्रामक होने कारण उन्होंने ब्रीडिंग पीरियड को बताया है. उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि वे आवारा कुत्तों के साथ ही पालतू कुत्तों से भी बचकर रहें.

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