Gorakhpur News: गोरखपुर के तत्कालीन सांसद और गोरक्षपीठ के महंत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल करने के आरोप में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने परवेज परवाज को 7 साल की सजा सुनाई है. ये मामला गोरखपुर में 2007 के दंगे से जुड़ा है जिसमें सीएम योगी के खिलाफ मुकदमे में वादी परवेज परवाज को कोर्ट ने दस हज़ार का जुर्माना और सात साल जेल की सज़ा सुनाई है. 


परवेज परवाज गैंगरेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. इसके पहले भी उसे दो मामले में सजा हो चुकी है. ये मामला साल 2007 का है जब सद्दाम हुसैन को फांसी दी गई थी. उस समय परवेज परवाज ने उत्तेजक भाषण देकर भीड़ एकत्र कर ली और भीड़ को उकसाकर एक वर्ग के प्रतिष्ठानों पर पथराव कराया. इससे शहर का माहौल खराब हो गया. 


जानें क्या है पूरा मामला?
उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद थे. होली के पर्व पर शहर का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ गया. शहर में शांति कायम करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ व अन्य जनप्रतिनिधियों ने प्रयास किए. सभाएं करके लोगों को अमन शांति बनाने का संदेश दिया. परवेज परवाज ने अदालत में वाद दाख़िल कर सीएम योगी आदित्यनाथ, नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल, पूर्व महापौर अंजू चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, एमएलसी डॉ. वाईडी सिंह पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया. इसके बाद शहर का माहौल खराब हो गया. इसके साक्ष्य के रूप में परवेज ने अदालत में एक सीडी पेश की. फोरेंसिक टीम की जाँच में सीडी में छेड़छाड़ की बात सही पाई. 


छवि करने की कोशिश मामले में सुनाई सजा
सीडी में छेड़छाड़ पाए जाने के बाद ये साफ़ हो गया कि तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और अन्य जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल करने के लिए ऐसा किया गया था. मामले की सुनाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शुरू हुई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदर्श श्रीवास्तव ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर बुधवार को परवेज परवाज को आईपीसी की धारा 467 आईपीसी में 7 साल कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना से दण्डित किया है. जुर्माना नहीं देने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. इसके साथ ही धारा 469 आईपीसी में तीन साल कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना से दण्डित किया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोनों सजाएं साथ चलेंगी.


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