गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कार्यकर्ताओं ने कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ओम प्रकाश राजभर  (Om Prakash Rajbhar) की शवयात्रा निकाली और उनका पुतला फूंककर विरोध जताया. एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा कहने और लाठीचार्ज का समर्थन करने पर कार्यकर्ताओं का गुस्‍सा फूट पड़ा.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार से ओम प्रकाश राजभर को पद से बर्खास्‍त करने की मांग की. इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने राजभर के खिलाफ नारेबाजी भी की. इस बीच वहां मौजूद पुलिसकर्मी भी असहाय बनकर उन्‍हें मनाने का प्रयास करते दिखाई दिए.

मंत्री ओपी राजभर के खिलाफ की नारेबाजी

गोरखपुर के छात्रसंघ चौराहा पर गुरुवार 4 सितंबर को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने यूपी के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर की शवयात्रा निकाली. छात्रसंघ चौराहा से विश्‍वविद्यालय के मुख्‍य द्वार तक पहुंचकर धरना देकर चक्‍काजाम किया. इसके बाद पुतला जलाकर विरोध जताया. साथ ही ओपी राजभर और संजय प्रसाद के विरोध में नारेबाजी भी की. 

कार्यकर्ताओं ने मंत्री राजभर का फूंका पुतला

दरअसल, बाराबंकी में एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया. इसके बाद कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के द्वारा लाठीचार्ज की सराहना करने के साथ एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गुंडा कहने पर गोरखपुर में भी कार्यकर्ताओं में उनके खिलाफ नाराजगी देखने को मिली. उन्‍होंने ओपी राजभर और संजय प्रसाद की शव यात्रा निकालकर विरोध जताया. इसके बाद उनका पुतला फूंककर कार्रवाई की मांग की.

छात्र नेता ने SRMU प्रबंधन पर लगाया गंभीर आरोप

एबीवीपी के प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा कि कुछ दिन पहले बाराबंकी के श्रीराम स्‍वरूप मेमोरियल विश्‍वविद्यालय में फर्जी डिग्री दी जा रही थी. उनके पास एलएलबी की मान्‍यता नहीं है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्‍हें पांच साल की मान्‍यता नहीं दी है. उनके पास बी फार्मा और एमबीए की मान्‍यता नहीं है.

छात्र नेता ने मयंक राय ने आरोप लगाया है कि सरकारी जमीन पर कब्‍जा करके निजी विश्‍वविद्यालय बनाया गया है. वहां पर एबीवीपी के कार्यकर्ता विद्यार्थियों की मदद करने के लिए जाते हैं. विद्यार्थी दो साल से समस्‍याओं के समाधान की मांग करते हैं.

उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस प्रशासन को मैनेज करके लाखों रुपया देकर विद्यार्थी और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया. यह भी कहा कि जिस बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया, उसके लिए पुलिस और विश्‍वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.