Gonda News: यूपी के गोंडा जिले में एक ऐसा गांव है जहां विद्युतीकरण होने के बावजूद लोगों को बिजली नसीब नहीं हो रही है. इस गांव में विद्युतीकरण के समय बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. यहां पर बिजली के बल्ब जलते नहीं बल्कि बिजली आने पर उनके एलिमेंट लाल हो जाते हैं. ग्रामीणों की मानें तो बिजली की खस्ता हालत की वजह से इस गांव में कोई अपनी बेटी भी देने को तैयार नहीं है. 

इस गांव में बिजली के नाम पर मजाकगोंडा मंडल मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर झंझरी ब्लॉक में लक्ष्मणपुर मझवा नाम का गांव हैं. देश की आजादी के बाद जब इस गांव में बिजली आई तो मानकों की इस कदर अनदेखी की गई कि तीन गांव की आपूर्ति एक ट्रांसफार्मर के भरोसे कर दी गई. जिस गांव में ट्रांसफार्मर रखा गया है वो वहां से करीब एक किमी दूर है. ऐसे में सिर्फ लो-वोल्टेज ही नहीं बल्कि सालों से बल्ब के नाम पर एलिमेंट ही लाल होते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने पर कभी कोई फायदा नहीं है. हालात ये है कि यहां के युवाओं की शादी के भी लाले पड़ गए हैं और यहां के छात्र डिबरी की रौशनी में पढ़ने को मजबूर हैं.

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ग्रामीणों के छलका दर्द
गांव के बजरंग प्रसाद तिवारी बताते हैं कि हमारे गांव में बिजली आने का कोई मतलब नहीं है. स्टेपलाइजर लगाने के बाजवूद पंखे नहीं चल पाते. घनश्याम मिश्रा नाम के ग्रामीण ने कहा कि अब तो इस गांव में रहना ही मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे ही स्थित बनी रही तो बच्चों के शादी विवाह नहीं होंगे. गांव में आने वाला हर व्यक्ति अब यही कहता है कि तुम्हारा गांव इतना पिछड़ा है, कि यहां बिजली तक ठीक से नहीं मिलती. 
 
विद्युत विभाग ने दिया आश्वासन
इस बारे में जब विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारी को निर्देश देकर समस्या का समाधान कराया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे आपूर्ति के नियम हैं. हालांकि नियम कुछ भी है लेकिन वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि के समय अघोषित कटौती से ग्रामीण काफी परेशान है. 
 
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