(Source: ABPLIVE पत्रकारों का Exit Poll)
UP: गाजीपुर में पंचायत चुनाव से पहले हड़कंप! 7.5 लाख संदिग्ध वोटरों की लिस्ट जारी
Ghazipur News: राज्य निर्वाचन आयोग ने गाजीपुर के 16 ब्लॉकों की 1,238 ग्राम पंचायतों में 7,50,952 संदिग्ध वोटरों की सूची जिला प्रशासन को भेजी है.वोटरों की जांच के लिए 1,783 बीएलओ को तैनात किया गया है.

यूपी के गाजीपुर जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने 7.5 लाख संदिग्ध मतदाताओं की लिस्ट जारी कर राजनीतिक दलों में खलबली मचा दी है. जिला प्रशासन ने इस लिस्ट को प्रकाशित कर ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) के माध्यम से इन वोटरों की जांच शुरू कर दी है. यह लिस्ट कुल 29,06,051 मतदाताओं के सापेक्ष लगभग 26% है, जिसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से तैयार किया गया है.
संदिग्ध वोटरों की जांच में जुटा जिला प्रशासन
राज्य निर्वाचन आयोग, लखनऊ ने गाजीपुर के 16 ब्लॉकों की 1,238 ग्राम पंचायतों में 7,50,952 संदिग्ध वोटरों की सूची जिला प्रशासन को भेजी है. इन वोटरों की जांच के लिए 1,783 बीएलओ को तैनात किया गया है, जो नोडल अधिकारियों की देखरेख में सत्यापन का कार्य कर रहे हैं. जांच के बाद रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी, जो आगे राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी.
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि संदिग्ध मतदाताओं की लिस्ट सॉफ्टवेयर के आधार पर तैयार की गई है. इसमें एक ही नाम, पते, उम्र, या हुलिए के आधार पर डुप्लीकेट वोटरों की पहचान की जा रही है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन मतदाताओं को सीधे डुप्लीकेट नहीं कहा जा सकता. बीएलओ के माध्यम से सत्यापन का कार्य चल रहा है, साथ ही पंचायत नियमावली के तहत मतदाता सूची में जोड़ने और सत्यापन का कार्य भी जारी है.
गाजीपुर की सियासी तस्वीर
गाजीपुर की सात विधानसभाओं में से पांच पर समाजवादी पार्टी (सपा) और दो पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का कब्जा है. संदिग्ध वोटरों की इस लिस्ट ने सभी राजनीतिक दलों में हड़कंप मचा दिया है. आजमगढ़ सांसद और सपा नेता धर्मेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने कहा कि यदि 7.5 लाख वोटर संदिग्ध हैं, तो यह सवाल उठता है कि यह लिस्ट किसने और कब बनाई? गाजीपुर की सात विधानसभाओं में प्रत्येक में लगभग एक लाख संदिग्ध वोटर हैं. यह साजिश समाजवादी वोटों को काटने की हो सकती है.
बिहार में वोट चोरी का आरोप और निर्वाचन आयोग की सतर्कता
हाल ही में बिहार में वोट चोरी के आरोपों ने राजनीतिक तूफान खड़ा किया था, जिसके बाद विपक्ष ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा था. अब उत्तर प्रदेश में भी निर्वाचन आयोग एक्शन मोड में है. आयोग उन मतदाताओं की तलाश कर रहा है, जिनके नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज हैं या अन्य कारणों से संदिग्ध हैं. गाजीपुर में इस जांच का उद्देश्य मतदाता सूची को पारदर्शी और सटीक बनाना है.
पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज
गाजीपुर में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. इस बीच संदिग्ध वोटरों की जांच और मतदाता सूची का सत्यापन महत्वपूर्ण कदम है. जिला प्रशासन ने सभी विकास खंडों में नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया है, जो इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने में जुटे हैं.
Source: IOCL
























