Ghazipur News: आमजन की सेवा के लिए स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निशुल्क तोहफे के रूप में मिला हुआ है. लेकिन जब स्वास्थ्य विभाग खुद ही बीमार हो जाए तो उसकी देखभाल करने वाला भी कोई विभागीय अधिकारी या जनपद स्तरीय जिम्मेदार अधिकारी नहीं है. इसका नजारा गाजीपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धर्मागतपुर में देखने को मिल रहा है. जहां पर पिछले 10 सालों से हल्की बारिश या फिर तेज बारिश हो जाने पर पूरा अस्पताल परिसर पानी से भर जाता है. जिसके चलते यहां पर मरीजों का आने का क्रम भी कम हो गया है और जो मरीज आते भी हैं तो इसी पानी मैं अपना इलाज कराने को मजबूर होते हैं.
क्या है पूरा मामला?गाजीपुर के धर्मागतपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के बाद से यहां के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति उम्मीद जगी थी और लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिला करती थी. लेकिन पिछले 10 सालों से भवन जर्जर हो जाने के चलते जब भी बारिश होती है, पूरा का पूरा अस्पताल परिसर पानी से भर जाता है. यहां तक कि डॉक्टर के बैठने का चैंबर, दवा रखने का स्थान ओपीडी करने का स्थान सहित मरीजों को सुलाने वाला बेड भी पानी से भर जाता है.
पिछले 10 सालों से है ये हालऐसे में यह समस्या एक 2 साल से नहीं है बल्कि पिछले 10 सालों से है. इसका निरीक्षण पिछले कई जिला अधिकारी के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी कर चुके हैं लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस समस्या से निजात दिलाने की जहमत नहीं उठाई है. जिसके चलते 2 दिन पूर्व हुई बारिश से एक बार फिर यह स्वास्थ्य केंद्र पानी से भर गया.
चिकित्सा अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि इसके पहले भी इन लोगों ने विभागीय अधिकारियों और जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की थी. अधिकारी आकर इसका निरीक्षण कर चुके हैं, स्थिति यह है कि यहां पर इलाज करने के लिए जितने भी इंस्ट्रूमेंट हैं. सब पानी की वजह से जंग खा चुके हैं.
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