Religious Conversion In Ghaziabad: दिल्ली (Delhi) से सटे गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है. कविनगर थाना क्षेत्र (Kavi Nagar Police Station) में ऑनलाइन गेम की आड़ में एक मौलवी सहित दो लोगों ने एक 17 साल के लड़के का न सिर्फ धर्म परिवर्तन करा दिया, बल्कि उसे पांच वक्त का नमाजी भी बना डाला. परिवार को जब इस मामले का पता चला तो लड़के के पिता ने दो अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.


दरअसल, ऑनलाइन गेम में बेहतर स्कोर की तरकीब बताने के बहाने आरोपी लड़के के संपर्क में आया, उसके बाद उसकी गतिविधियां बदलने लगीं. बच्चे का ब्रेन कुछ तरह से वॉश किया कि वह जिम के बहाने रोज पांच वक्त की नमाज पढ़ने जाने लगा. इस बात की जानकारी जब परिवार को हुई तो उन्होंने स्थानीय मस्जिद के मौलवी समेत दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में टीम गठित की है.


मुंबई के एक युवक की संपर्क में आया था लड़का


गौर करने वाली बात ये है कि इस घटना का शिकार बना लड़का जैन समाज से है. लड़के के पिता की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि दो साल पहले ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान उनका बेटा मुंबई के बद्दो नामक युवक के संपर्क में आया था. दोनों में घंटों बातें होने लगीं. बद्दो उसे वाट्सऐप और ई-मेल से धार्मिक सामग्री भेजने लगा. धीरे-धीरे बेटे का ब्रेन वॉश कर दिया गया. जाकिर नाईक की तकरीर सुना करता था. इस्लाम धर्म के बारे में उसके सामने कुछ कहा जाता तो वह चिढ़ जाता था.


पिता को मस्जिद जाता मिला बेटा


लड़का दिन में पांच बार जिम के बहाने घर से बाहर जाने लगा, तो उसके पिता को शक हुआ. एक दिन उन्होंने पीछा किया तो वह मस्जिद जाता मिला. बेटे ने खुलासा किया कि वह धर्म बदल चुका है. संजय नगर मस्जिद के इमाम से बात हो गई है, अगर उसे घर से निकाला तो वह मस्जिद में ही रह लेगा. इस मामले की जांच कर रही पुलिस के अधिकारी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं. वहीं एबीपी गंगा उसी मस्जिद के बाहर पहुंचा, जहां लड़का नमाज अदा करने आता था. फिलहाल मस्जिद में वह इमाम तो नहीं मिले और कोई पक्ष रखने वाला भी नहीं.


मनोचिकित्सक ने पैरेंट्स को दी ये सलाह


इस मामले को लेकर एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ मनोचिकित्सक एके विश्वकर्मा ने बताया कि बच्चों को समय देना चाहिए. उनकी बातों को सुनना चाहिए. अक्सर हम उनकी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं. एक दोस्ती का रिश्ता रखना चाहिए, वह हर बात शेयर करें, कोशिश करें कि उनके मन में क्या चल रहा है, उनके मन को जाने. बच्चों को जो बाहर से चीजें मिलती हैं, वह उसे जल्दी एक्सेप्ट कर लेते हैं. मां-बाप को बच्चों से पूछना चाहिए कि उनका माइंड डाइवर्ट नहीं होगा, बच्चों का मन बहुत ही सॉफ्ट होता है. हम लोग दिल्ली-एनसीआर के पास रह रहे हैं, ज्यादातर परिवार जॉब में ही रहता है और बच्चों की केयर बहुत ही मुश्किल होती है. उनके मन को टटोलना चाहिए.


ये भी पढ़ें- UP Politics: सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर सपा? उदयवीर सिंह ने दिया जवाब, BJP को भी एक्सपोज करने की कही बात