उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है. शनिवार 13 दिसंबर 2025 को कोर्ट परिसर में न्यायाधीश गौतम बुद्ध नगर अतुल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें जनपद के समस्त न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे.

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इस अवसर पर अपर जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्द्र मोहन श्रीवास्तव द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित वादों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में जनपद मुख्यालय एवं तहसील स्तर पर लोक अदालत का आयोजन किया गया.

लोक अदालत में 9 लाख से अधिक वादों का निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान जनपद न्यायालय के विभिन्न न्यायालयों द्वारा कुल 2,64,900 वादों का निस्तारण किया गया. वहीं प्री-लिटिगेशन स्तर पर विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा 6,54,772 मामलों का समाधान कराया गया. इस प्रकार कुल मिलाकर 9,19,672 वादों का सफल निस्तारण किया गया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

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चिकित्सा व यातायात विभाग ने किया 4 लाख से अधिक मामलों का निपटारा

प्री-लिटिगेशन मामलों में राजस्व न्यायालयों द्वारा 97,606 वाद, पुलिस विभाग द्वारा 35,727 मामले, चिकित्सा विभाग एवं यातायात विभाग द्वारा 4,52,136 मामलों का निस्तारण किया गया. इसके अतिरिक्त बैंकों, एनपीसीएल, यूपीपीसीएल, श्रम न्यायालय, बीएसएनएल सहित अन्य विभागों द्वारा भी बड़ी संख्या में मामलों का समाधान किया गया. नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 3,540 तथा यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा 874 मामलों का निस्तारण किया गया.

आपसी समझौते से कई मामलों का निबटान

न्यायालयवार निस्तारण में जिला जज, वाणिज्य न्यायालय, परिवार न्यायालय, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, पोक्सो कोर्ट, उपभोक्ता न्यायालय, स्थायी लोक अदालत एवं एनआई एक्ट न्यायालय सहित सभी न्यायालयों की सक्रिय भागीदारी रही. कई मामलों में पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से समझौता हुआ, जिससे न्यायिक समय और संसाधनों की बचत हुई.

92.76 करोड़ रुपये मिला राजस्व

राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल ₹92,76,85,990 (92.76 करोड़ रुपये) की समझौता एवं जुर्माना धनराशि प्राप्त हुई. यह आयोजन न केवल त्वरित न्याय का सशक्त उदाहरण बना, बल्कि आम नागरिकों को सरल, सुलभ एवं कम खर्चीला न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी सफलता सिद्ध हुआ. अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सभी न्यायिक अधिकारियों, प्रशासनिक विभागों एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया गया, जिनके संयुक्त प्रयास से राष्ट्रीय लोक अदालत को यह ऐतिहासिक सफलता प्राप्त हुई.