Ayodhya Ram Mandir: राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को लेकर अयोध्या को भी नये तरीके से सजाया संवारा जा रहा है. अयोध्या की पंचकोसी परिधि के भीतर प्रवेश करने के लिए चार मुख्य मार्गों का चयन कर लिया गया है. इन मार्गों को अयोध्या के अनुरूप अलग-अलग नामों से जाना जाएगा. अयोध्या पहुंचने पर मार्गों के किनारे दोनों तरफ रामायण कालीन चित्र बने होंगे, जिनका काम लगातार चल रहा है. इन रास्तों पर अयोध्या में प्रवेश के पहले 4 प्रमुख गेट भी बनाए जाएंगे. यही मार्ग और द्वार आने वाले दिनों में अयोध्या की पहचान में शामिल होंगे. इन मार्गों के किनारे ना सिर्फ सुविधाजनक पार्किंग होगी बल्कि वह बुनियादी सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी, जिनकी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आवश्यकता होती है.


प्रवेश के चार मार्ग होंगे


अयोध्या में प्रवेश के चार मुख्य मार्ग होंगे. किस मार्ग को अयोध्या की गरिमा के अनुरूप किस नाम से पुकारा जाएगा इसको भी जान लीजिए. लखनऊ से सहादतगंज बाईपास होते हुए नया घाट अयोध्या जाने वाले मार्ग को राम पथ कहा जाएगा, जबकि गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर अयोध्या नया घाट तक पहुंचने का जो रास्ता है वह धर्म पथ कहलाएगा. वहीं, अयोध्या में बिड़ला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला होकर और हनुमानगढ़ी से राम जन्मभूमि तक जाने वाले दो अलग-अलग मार्गों को श्रद्धा पथ और भक्ति पथ कहा जाएगा. इन मार्गों के प्रवेश द्वार पर एक भव्य गेट भी बनाया जाएगा जिनका भी रामायण कालीन नाम रखे जाएंगे. अयोध्या के नगर आयुक्त विशाल सिंह कहते हैं कि, हो सकता है जो नाम हम लोगों ने तय किए हैं उसमें उच्च स्तर पर कुछ बदलाव हो, लेकिन हम लोग इन मार्गों के इन्हीं नामों के साथ शासन के उच्च स्तरीय अधिकारियों के पास जाएंगे.


चौड़ी होंगी सड़कें 


अयोध्या पहुंचने पर सभी मुख्य मार्गों के किनारे आपको उच्चस्तरीय पार्किंग खूबसूरत पार्क और पेयजल की सुविधा के साथ वह सब बुनियादी सुविधाएं होंगी. जिसकी आपकी जरूरत होती है. इसके लिए वाराणसी की तर्ज पर अयोध्या की सड़कों को चौड़ीकरण होगा जिस का प्रस्ताव भी हो चुका है और शीघ्र ही काम भी शुरू होने वाला है, जबकि शहर के बाहर की सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य शुरू हो गया है और इन सभी कामों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की तैयारी चल रही है, यानि भविष्य की अयोध्या ना सिर्फ विकसित और हाईटेक होगी बल्कि अपनी गरिमा के अनुरूप सुसज्जित भी होगी. अयोध्या के इस डेवलपमेंट के पीछे यह सोच है कि 2023 में जब श्रद्धालुओं के लिए राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन पूजन के लिए खोला जाएगा, तब लाखों श्रद्धालुओं का रोज जमावड़ा रहेगा ऐसे में उनके लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करना और दर्शन मार्ग का चौड़ीकरण सबसे अहम आवश्यकता होगी, इसीलिए इस पर अभी से काम शुरू कर दिया गया है.



ये भी पढ़ें.


Rakesh Tikait ने फिर भरी हुंकार, कहा- केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा ना होने पर लखनऊ में होगी किसानों की बड़ी पंचायत