उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक चौंकाने वाला बयान देकर प्रदेश की सियासत में तूफ़ान खड़ा कर दिया है. एक पुस्तक विमोचन के दौरान कृष्णम ने कहा की जब जब उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को पहली बार मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब कांग्रेस ने उनसे धामी के खिलाफ बयान देने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था. जिसके बाद उनसे कांग्रेस के कई बड़े नेता नाराज हो गए थे.

Continues below advertisement

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दावा किया कि जब धामी उत्तराखंड के सीएम बने थे, तो कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मुझसे कहा कि उनके खिलाफ बयान दो. मैंने कहा कि मैं किसी साधु स्वभाव वाले व्यक्ति के खिलाफ गलत बयान नहीं दे सकता. पुष्कर धामी एक साधु-स्वभाव के इंसान हैं. उन्होंने आगे बताया कि उनके इनकार के बाद पार्टी के कुछ नेताओं ने उनसे इस बयान का खंडन करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने यह भी मानने से इंकार कर दिया. उनका कहना है कि यहीं से उनका मन कांग्रेस से हटने लगा था.

कांग्रेस के एजेंडा बीजेपी नेताओं को बदनाम करना

आचार्य प्रमोद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का पूरा एजेंडा सिर्फ एक ही चीज़ पर केंद्रित था किसी भी तरह भाजपा नेताओं को बदनाम करना. उन्होंने कहा, पार्टी का उद्देश्य केवल अनर्गल बयान देकर बीजेपी नेताओं की छवि खराब करना था. यह तरीका मुझे कभी स्वीकार नहीं था. पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि राजनीति में वैचारिक मतभेद होना अलग बात है, लेकिन झूठे और भड़काऊ बयान देना किसी भी तरह उचित नहीं है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस लगातार उन्हें ऐसे बयानों के लिए मजबूर करती रही, जो उनके सिद्धांतों और व्यक्तित्व के खिलाफ था.

Continues below advertisement

कांग्रेस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस बयान को उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है. उनके आरोपों से कांग्रेस के अंदरूनी तंत्र और कार्यशैली को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं.