बीजेपी की पूर्व सांसद और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने चार धाम यात्रा को  लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब भगवान भी चारों धामों को छोड़कर चले गए हैं. उन्होंने यात्रा के दौरान जानवरों पर हो रही क्रूरता के मुद्दे को उठाया और कहा कि ये सब देखकर दिल टूट जाता है. 

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मेनका गांधी ने चार धाम यात्रा को लेकर कहा कि- मुझे लगता है भगवान भी चारों धामों से भाग गए हैं... पिछले साल केवल हेमकुंड साहिब से 700 जानवर नीचे गिर गए थे. ऐसे 'कौन भगवान टिकेगा यहां पर?' आपने ऊपर पूरा कंक्रीट बिछा दिया है. 

जिन जगहों पर घास के मैदान थे, फूल थे और वहां जाकर ऐसा लगता था कि हम स्वर्ग पहुंच गए हैं, अब जब हम वहां जाते हैं, तो हमारा दिल टूट जाता है..." घूम फिर कर मिट्टी, क्रूरता देखकर आप ऊपर पहुंचते है, और फिर किसलिए पहुंचते हैं?

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मेनका गांधी के बयान पर गरमाई सियासत

मेनका गांधी के इस बयान से देश की राजनीति गरमा गई हैं वहीं धार्मिक संगठनों में भी हलचल देखने को मिल रही है. मेनका गांधी इससे पहले भी चार धाम यात्रा के दौरान जानवरों के खिलाफ होने वाली क्रूरता को लेकर सवाल उठाती रही है. उनका कहना है कि हमें बेजुबान जानवरों का ध्यान रखना चाहिए. 

घोड़े-खच्चर के इस्तेमाल पर उठाए सवाल

बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ व अन्य धामों तक पहुंचने के लिए दुर्गम पहाड़ों पर चलना पड़ता है. ये चढ़ाई इतनी मुश्किल होती है कि यहां चढ़ना इतना आसान नहीं होता है. ऐसे में अक्सर कई बुजुर्ग, बच्चे और महिला श्रद्धालु बड़ी संख्या में घोड़े और खच्चरों का इस्तेमाल करते हैं. 

सरकार भी हर साल इन घोड़े खच्चरों को लेकर नियम तय करती है, जिसमें इनके खाने से लेकर तीन-चार घंटे आराम करने जैसी तमाम बातें शामिल हैं लेकिन, कई बार श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या के चलते घोड़े खच्चरों के मालिक ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में इनसे काम कराते हैं. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में जानवरों की मौत की खबरें देखने को मिलती है.   

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