राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का मध्य प्रदेश के रीवा में आज सोमवार (15 दिसंबर, 2025) को निधन हो गया है. वहीं उनके निधन पर अयोध्या के साधु संतों समेत प्रदेश के कई नेताओं ने दुख जताया है. इसी क्रम में बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर दुख जताया है.

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इकबाल अंसारी ने कहा कि हमारी अयोध्या नगरी जो है वह धार्मिक नगरी है और पवित्र नगरी है, वेदांती महराज जो हैं वह साधु-संत रहे और वरिष्ठ रहे. आज वह हमारे बीच में नहीं रहे इसके लिए हमें दुख है और सारे देश को दुख है. अयोध्या में वेदांती महराज की कमी खलेगी...यह आने वाले दिन में भी याद किए जाएंगे. अयोध्या की गंगा-जमुनी तहजीब उन्हें याद करेगी, हम अल्लाह और भगवान से भी उनके लिए दुआएं करेंगे, साधु-शांति और वेदांती महाराज ये पूरे देश दुनिया में जाने जाएं. वहीं उनके राम मंदिर के आंदोलन के चेहरे को लेकर इकबाल अंसारी ने कहा कि जब हम बहुत छोटे थे लेकिन अब जब हम बड़े हुए और राजनीति में आए तो उनके हमारे साथ व्यक्तिगत संबंध अच्छे थे.

वहीं परमहंस आचार्य ने रामविलास दास वेदांती के निधन पर कहा "यह अयोध्या और संत समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है. पूज्य रामविलास वेदांती अयोध्या संत समाज और सनातन धर्म के लिए गौरव का स्रोत थे."

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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने राम विलास दास वेदांती के निधन पर कहा "हम सब भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें अपने चरणों में स्थान दें और उनके अनुयायियों और समर्थकों को इस असहनीय दर्द को सहने की शक्ति दें, उनका पूरा जीवन सनातन संस्कृति को समर्पित था. उन्होंने देश और राज्य की भी सेवा की सार्वजनिक सेवा में ईमानदारी और पारदर्शिता उनके मार्गदर्शक सिद्धांत थे और वह हमेशा ज़मीनी स्तर से जुड़े रहे हमेशा गरीबों की मदद के लिए तैयार रहते थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया और लगातार अयोध्या धाम से जुड़े रहे."