फिरोजाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली की तस्वीरें गाहे बगाहे सामने आ ही जाती हैं. फिरोजाबाद जनपद के टूंडला तहसील के ग्राम पंचायत मोहम्मदाबाद में लगभग चार दशक से संचालित राजकीय यूनानी चिकित्सालय की बिल्डिंग की हालत बेहद जर्जर है. यह बिल्डिंग कब गिर जाए, इसका कोई पता नहीं है.
जिस भवन में यह राजकीय यूनानी चिकित्सालय संचालित है, वह मोहम्मदाबाद के मुस्लिम जमीदार ने अस्पताल को संचालित करने के लिए निशुल्क दिया था. इस भवन का समय से मरम्मत और देखभाल न होने के कारण यह अब बदहाली का शिकार हो हो चुका है . यह भवन कब धराशाई हो जाए कुछ पता नहीं.
बेहद जर्जर हालत में है भवन
मोहम्मदाबाद के यूनानी राजकीय चिकित्सालय में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ मोहम्मद वजीर अंसारी के मुताबिक इस चिकित्सालय में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज दवा लेने आते हैं. यह चिकित्सालय आजादी से पहले स्वीकृत हुआ था, समय के साथ यह स्थानांतरित होता रहा. लगभग 40 साल से यह मोहम्मदाबाद में संचालित है लेकिन इस भवन की हालत बेहद जर्जर है.
बारिश के दौरान पानी का होता है रिसाव
चिकित्सालय में तैनात कर्मचारी अजब सिंह के मुताबिक भारी बारिश के दौरान पानी का रिसाव तेजी से होता है जिसके चलते पूरे कमरे में सभी दवाएं ऊपर उठकर टेबल पर रखी जाती हैं. पूरे फर्नीचर को तरपाल से ढक दिया जाता है, कई बार तो कमरे में पानी भर जाता है जो बाल्टी से निकालना पड़ता है.
मरीजों को करनी पड़ती है जद्दोजहद
चिकित्सालय के अंदर प्रवेश करने के लिए किसी भी मरीज़ को प्रवेश करने के लिए बड़ी जद्दोजहद सामना करना पड़ता है. चिकित्सालय के प्रवेश द्वारा से चबूतरे और सड़क के बीच बड़ी नाली है . इसको पार करना मरीजों के लिए मुश्किल भरा होता है. डॉ वजीर मोहम्मद के मुताबिक बजट का अभाव है अपनी ही तनख्वाह से अस्पताल और सड़क के बीच नाली के ऊपर पत्थर रखवाने के लिए पैसे दिए हैं जल्द ही रख दी जाएगी.
चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक राजकीय यूनानी चिकित्सालय में एक चिकित्सक और एक चपरासी की तैनाती है. ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यूनानी चिकित्सालय और आयुर्वेदिक चिकित्सालय बनाए गए हैं लेकिन राजकीय यूनानी चिकित्सालय मोहम्मदाबाद की बदहाली बताती है कि ग्रामीण अंचल की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद जर्जर है.