बांदा में खाद न मिलने से नाराज किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों ने मंडी समिति के सामने करीब एक घंटे तक रोड जाम कर बवाल किया. किसानों का कहना है कि इस समय फसलों की बुवाई का समय चल रहा है, वह कई दिन से खाद के लिए परेशान हैं, लेकिन खाद नहीं मिल रही है. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि परिवहन ठेकेदारों का भुगतान न होने की वजह से खाद गोदामों से समितियों तक खाद नहीं पहुंच रही थी.इस वजह से यह परेशानी खड़ी हो गई है. किसानों के प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी ने तत्काल शासन से संपर्क कर ठेकेदारों का शीघ्र भुगतान का आश्वासन देने के बाद फिलहाल ठेकेदार मान गए हैं. अब खरीद केंद्रों में खाद पहुंचाई जा रही है.
क्या कहना है किसानों का
बांदा में खाद के लिए कई दिनों से समितियों का चक्कर लगा रहे किसान आक्रोशित होकर स्थानीय मंडी समिति के बाहर रोड पर बैठ गए. किसानों ने बांदा फतेहपुर मार्ग जाम कर दिया. आक्रोशित किसानों ने इस दौरान जमकर हंगामा काटा और करीब एक घण्टे तक रोड जाम किए रहे. किसानों का आरोप है कि वह खाद के लिए कई दिनों से समितियों के चक्कर लगा रहे हैं. रात- रात भर खरीद केंद्रों के बाहर बैठकर केंद्र के खुलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है. इससे मजबूरन उन्हें आज अपनी आवाज प्रशासन तक पहुंचाने के लिए जाम लगाना पड़ा. किसानों का कहना है कि इस समय फसलों की बुवाई का समय चल रहा है. इसके लिए खाद की बहुत आवश्यकता है. अगर समय पर खाद ना मिली तो फसलें पिछड़ जाएंगी. उनका कहना था कि अतिवृष्टि की वजह से पहले ही धान की फसल बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में उनके पास अब धरना-प्रदर्शन के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है. किसानों के हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे आला अधिकारियों ने किसानों को अति शीघ्र खाद उपलब्ध कराने के आश्वासन दिया. इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त किया.
प्रशासन ने क्या दिया आश्वासन
सहायक आयुक्त सहकारिता राजेश कुमार ने बताया कि गोदाम से समितियों तक खाद पहुंचाने का काम करने वाले उर्वरक परिवहन के ठेकेदारों का पीसीएफ लखनऊ से भुगतान न होने की वजह से उनके मजदूरों ने स्ट्राइक कर दी थी. इस वजह से यह समस्या पैदा हुई है. इसके बाद बांदा के जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने पीसीएफ के प्रबंध निदेशक से तत्काल फोन पर बात कर मामले को निस्तारित कराया और ठेकेदारों को शीघ्र भुगतान कराने का आश्वासन दिया. जिलाधिकारी से आश्वासन मिलने के बाद ठेकेदार फिर काम करने के लिए तैयार हुए. अब खाद समितियों में भेजी जा रही है. उन्होंने बताया कि स्ट्राइक की वजह से तीन दिन तक वितरण कार्य प्रभावित रहा. ठेकेदारों का 30 लाख रुपये का बकाया आ गया है. उन्होंने बताया कि बुधवार को डीएपी की 1600 मीट्रिक टन की एक रैक और आ जाएगी. इससे अब किसानों को खाद की समस्या नहीं होगी.
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