पीलीभीत में टाइगर रिजर्व क्षेत्र से सटे ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों के खौफ से किसानों ने गन्ने की खेती बंद कर दी थी. लंबे समय तक खाली बैठने के बाद अब किसान नींबू और हल्दी की खेती कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं, अब जंगल से सटे खेतों में बाघ सहित जंगली जानवरों का खतरा भी कम हो गया है. जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में जब डीएम पुलकित खरे ने दौरा किया तो किसानों की खेती देखकर उनकी सराहना की.

कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव पुरैना महाराजपुर में किसानों ने बाघ एवं अन्य जंगली जानवरों के खौफ से गन्ने की खेती करना बंद कर दी थी. किसानों का कहना है कि अब नींबू और हल्दी की खेती कर उन्हें करीब दोगुना मुनाफा हो रहा है. जिलाधिकारी ने किसानों की सराहना कर उनके सुझाव को जंगल से सटे करीब दो दर्जन से अधिक गांव में गोष्ठी के माध्यम से पहुंचाने का वादा भी किया.

ग्रामीण हर्षित सरकार ने बताया कि अक्सर बीते कई सीजन से हम लोग जंगली जानवरों के डर से गन्ने की खेती नहीं कर रहे थे. अब कुछ दिनों से खेत में हल्दी और नींबू की खेती कर रहे हैं. इससे जंगली जानवरों का खतरा खेतों में कम बना रहता है और हम लोगों को दोगुनी आय भी हो रही है.

वहीं, जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि महाराजपुर पुरैना गांव में टाईगर रिजर्व क्षेत्र से सटे गांव में किसानों ने हल्दी और नींबू की खेती की है. इसके लिए किसानों को सम्मानित भी किया गया है.

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