उत्तर प्रदेश में एक किसान ने अपने धान के फसल में आग लगा ली. दरअसल, पिछले 14 दिनों से अपने धान की फसल के बेचने के लिए वह मंडी के चक्कर लगाता रहा, अधिकारियों से इसके लिए शिकायत की फिर भी वह अपने धान के फसल को बेचने में असमर्थ रहा जिसके बाद परेशान होकर उसने अपनी मेहनत से उगाई धान की फसल को आग के हवाले कर दिया. निराश किसान ने शुक्रवार को अपनी धान के फसल के ढ़ेर में पेट्रोल डाल कर उसे आग के हवाल कर दिया. बेहद निराश किसान ने यह कदम कई चक्कर काटने के बाद उठाया.


फसल भींग जाने के कारण नहीं हुई खरीदी


मोहम्मदी मंडी में बरखेड़ा कला के रहने वाले किसान प्रमोद सिंह ने अपने 100 क्विंटल को लेकर मंडी पहुंचे थे. केंद्र पर आने के बाद केंद्र प्रभारी ने बारदाना ना होने का हवाला दिया और उस किसान को एक से दो दिन इंतजार करने को कहा. इस बीच बारिश होने के कारण किसान की फसल भींग गई. किसान ने अपनी फसल को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया पर भी उसकी फसल में नमी आ गई. दोबार धूप निकलने पर किसान प्रमोद सिंह ने फसल को दोबारा सुखाया और सफाई कराई. निराश किसान ने बताया कि शुक्रवार को उसे आश्वासन दिया गया था कि उसकी फसल को खरीद लिया जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ जिसके बाद उसने अपनी फसल में निराश होकर आग लगा दी.


वरूण गांधी ने उठाया सवाल


घटना के बाद बीजेपी के नेता वरुण गांधी ने व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से इस पूरी घटना का एक वीडियो शेयर किया है. उन्होंने वीडियो शेयर कर लिखा कि उत्तर प्रदेश के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी. इस व्यवस्था ने किसानों को कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है.



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