देहरादून: उत्तराखंड में मानसून सीजन की दस्तक के साथ नदियों के किनारे रह रहे लोगों को लिए खतरा मंडराने लगा है. उत्तराखंड में तकरीबन 500 से ज्यादा मलिन बस्तियां हैं, जिनमे से ज्यादातर बस्तियां नदियों के किनारे बसी हैं. इनमे भी अधिकांश बस्तियां देहरादून में हैं, जो रिस्पना और बिंदास नदी के किनारे बसी हैं, यहां तकरीबन 30 बस्तियां ऐसी हैं, जो बिंदाल और रिस्पना नदी के के किनारे बसी हैं, जिनमें बरसात के सीजन पर सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है.

लोगों के घरों में घुस जाता है पानी

रिस्पना और बिंदास नदी के किनारे बस्ती बन जाने से दोनों नदियां काफी हद तक संकरी हो गई हैं. वहीं, बरसात के सीजन में नदी में सिल्ट आने की वजह से भी नदियों की साफ सफाई नहीं हो पाई है. वहीं, शहर भर का कूड़ा भी इन नदियों डाला जाता है. इस वजह से तेज बहाव के दौरान नदियों का पानी पुस्ता तोड़कर लोगों को घरों में घुस जाता है, जिससे नदियों के किनारे रह रहे लोगों को जान- माल का खतरा बना रहता है.

हालांकि, जिला प्रशासन, नगर निगम और सिंचाई विभाग द्वारा वक्त वक्त पर यहां से लोगों को शिफ्ट करने की बात कही जाती है, लेकिन अधिकारियों की इच्छाशक्ति ना होने की वजह से लोग सालों से यही रह रहे हैं. हालांकि, सिंचाई विभाग ने एक बार फिर नदी को किनारे रह रहे लोगों को सचेत किया है और अपनी सुरक्षा का खुद इंतजाम करने के लिये भी कहा है. सिंचाईं विभाग ने नोटिस के माध्यम से इन सभी लोगों को कहा है कि वह बरसात के दौरान सुरक्षा बनाए रखें.

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