गोरखपुर, एबीपी गंगा। गोरखपुर में फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस बनाने और नकली असलहा बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शिकायत के बाद संदेह के आधार पर दुकानों की स्कैंनिंग और जांच में जब मामला खुला तो अधिकारियों के भी होश उड़ गये। पुलिस ने एक दुकान को सीज कर दिया है। वहीं फर्जी लाइसेंस के आधार पर नकली असलहा रखने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पीजीआई में भर्ती दुकान के प्रोपराइटर को हिरासत में लेने के प्रयास में है। वहीं उस दुकान पर काम करने वाले मास्टरमाइंड गोपी की भी तलाश की जा रही है।
गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन की मानें तो शिकायत और स्कैनिंग के दौरान ये मामला प्रकाश में आया। प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारियों ने शहर की सभी दुकानों के रजिस्टर को चेक किया। इसमें कोतवाली इलाके के टाउनहाल पर स्थित रवि गन हाउस संदेह के घेरे में आ गया। उनके निर्देश पर पुलिस ने इसके पहले ही जालसाज गोरखनाथ इलाके के युवक तनवीर खान को गिरफ्तार कर लिया। डीएम की मानें तो पुलिस को उसके पास से फर्जी लाइसेंस पर खरीदा गया नकली यानी अवैध पिस्टल भी मिला है, जिसे जब्त कर लिया गया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने जालसाजी और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
एक साथ शहर के पॉश इलाके टाउनहाल और गोलघर में पड़े छापे के बाद शहर में हड़कंप मच गया। दुकानदारों के पूरे रिकार्ड पुलिस ने जांच के लिए जब्त कर लिए हैं। वहीं शासन के भी सारे रिकार्ड मांगे जाने के बाद से ही शस्त्र लाइसेंस बेचने वाले दुकानदार डर के मारे दुकान बंद कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। पुलिस को फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा रखने वाले राप्तीनगर के रहने वाले विकास तिवारी, शिवम मिश्र, फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दलाल गोपी और रवि गन हाउस के प्रोपराइटर की तलाश है। गोपी ने अपने घर ही फर्जी लाइसेंस बनाने का सारा सामान रखा हुआ था। लाइसेंस की किताब, मजिस्ट्रेट की मुहर, कई रंग के पेन, और खूब सारी फाइलें बरामद हुई हैं।
शातिर अपने इस जालसाजी के खेल में उन लोगों को फांसता था, जो लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुके हैं और इसके लिए काफी परेशान हैं। जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पाण्डियन के कार्यकाल के दौरान के भी फर्जी लाइसेंस जारी कर अवैध और नकली असलहों की बिक्री कर दी गई। जबकि उनके समय में कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया। इसके साथ ही रिन्यूवल कराने आने वाले लोगों को भी फर्जी तरीके से रिन्यूवल कर काली कमाई की गई।
रवि आर्म्स कॉरपोरेशन के प्रोपराइटर के गुर्गे कलेक्ट्रेट दफ्तर पर हमेशा निगाह बनाए रखते थे। यहीं से जरूरतमंद को फांसकर डीलिंग करते थे। ये लोग एक लाइसेंस बनाने का डेढ़ लाख रुपए वसूलते रहे हैं। फर्जी लाइसेंस के खेल में सबसे पहला नाम तनवीर खान का आया। उसने फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा भी खरीद लिया था। पुलिस ने असलहा बरामद कर लिया है। जिलाधिकारी के मुताबिक जिन लोगों ने फर्जी लाइसेंस लेने के बाद असलहे खरीदे हैं, वे असलहे भी नकली हैं।
जिलाधिकारी के. वियजेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि किसी के द्वारा फर्जी लाइसेंस की फोटो व्हाट्सएप पर डाल दी गई थी। उस पर संदेह होने पर जांच कराई गई, तो पता चला कि उस पर जो यूआईडी दर्ज है, वह असलहा रिकार्ड में दर्ज ही नहीं है। फिलहाल तीन लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनके नाम से फर्जी लाइसेंस जारी हुए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे 40 सफेदपोश रडार पर हैं, जिन्होंने फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा खरीदा है। शहर और ग्रामीण इलाके में जारी किए गए सभी लाइसेंसों की होगी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।
सभी लाइसेंस का सत्यापन कराया जा रहा है। संख्या ज्यादा होने के कारण इसमें समय लग सकता है। लेकिन, जो भी लोग इसमें शामिल होंगे, उनमें से कोई बच नहीं पाएगा। उन्होंने बताया कि रवि आर्म्स कारपोरेशन के मालिक के पीजीआई में भर्ती होने की सूचना मिली है। उसकी जांच के लिए मेडिकल टीम गठित कर दी गई है। जल्द ही उसे भी शिकंजे में लिया जाएगा। जो फर्जी लाइसेंस व्हाट्सएप पर आया था, उसे दलाल ने 2010 में जारी किया था। उस पर फर्जी तरीके से एडीएम के हस्ताक्षर बनाए गए हैं।
पकड़े गए आरोपित तनवीर खान से पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि 34 फर्जी लाइसेंस जारी किए गए हैं। फर्जीवाड़े के खेल में फिलहाल पांच नाम फर्जी असलहा लाइसेंस के खेल में जो नाम सामने आ रहे हैं, उसमें फर्जी असलहा लाइसेंस धारक हुमायूंपुर उत्तरी का तनवीर खान, राप्तीनगर का विकास तिवारी, खजनी का शिवम मिश्रा, लाइसेंस दलाल जमुनहिया का गोपी और गन हाउस प्रोपराइटर शामिल हैं।
इन सभी में से पुलिस ने अभी तक सिर्फ तनवीर को गिरफ्तार किया है। गोरखपुर के एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा बिक्री का मामला सामने आया था। एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है। दुकान के प्रोपराइटर और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही शहर के सभी असलहा और लाइसेंस की जांच की जा रही है।