प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से सवाल उठाए जाने को संविधान विशेषज्ञ गलत बता रहे हैं. संविधान विशेषज्ञ और इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी के डीन प्रोफेसर आरके चौबे के मुताबिक पीएम मोदी के भूमि पूजन में शामिल होने से न तो किसी तरह संविधान का उल्लंघन है और न ही इसमें कुछ भी गलत है.


प्रोफेसर आरके चौबे के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत पीएम मोदी को भी अपनी धार्मिक भावनाएं प्रदर्शित करने, अपनी आस्था जताने और अपने धर्म के प्रचार का अधिकार है. अनुच्छेद 25 के साथ ही 26, 27 और 28 के अधिकार भी यही कहते हैं. उनके शामिल होने से न तो किसी की भावनाएं आहत होंगी, न किसी धर्म विशेष और न ही सेक्युलरिज्म का अपमान होगा, फिर संविधान की शपथ कैसे टूटेगी. उनके मुताबिक संविधान में इस तरह की कोई रोक नहीं है.



बता दें कि राम नगरी अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए तैयारियां पूरे जोरों पर हैं. पांच अगस्त को पीएम मोदी मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे. पीएम मोदी के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में भूमि पूजन का हिस्सा बनना प्रधानमंत्री पद की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ''आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में हिस्सा लेना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल भावना है.''


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