Pension Fraud: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अलीगंज में एक महिला के द्वारा फर्जी तरीके से 10 साल तक पेंशन निकालने का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरोपी महिला पिछले 10 साल से अपने मृत पिता की पत्नी बनकर फर्जी तरीके से 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन निकाल रही थी. 36 साल की मोहसिना परवेज़ के पति द्वारा इसकी शिकायत करने पर पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है. बताया जा रहा है कि मोहसिना का पति से तलाक हो गया, जिसके बाद पति ने इसकी शिकायत पुलिस से कर दी. मामले की सूचना पर पुलिस ने आरोपी महिला को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में एडीएम प्रशासन आलोक कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपी महिला को जेल भेज दिया गया है.

दस साल में निकाल ली 12 लाख की पेंशनजानकारी के अनुसार रिटायर्ड लेखपाल वजाहत उल्लाह खान की 2 जनवरी 2013 को मृत्यु हो गई. उनकी पत्नी सबिया बेगम की उनसे पहले मृत्यु हो चुकी थी. आरोपी महिला मोहसिना ने खुद को अपने मृत पिता की पत्नी बताकर फर्जी दस्तावेज बनवा लिए और तब से मोहसिना पेंशन ले रही थी. इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि अब तक वह 12 लाख रुपये से ज्यादा पेंशन ले चुकी हैं. मोहसिना ने 2017 में फारूक अली से शादी की लेकिन उनके रिश्ते में खटास आ गई और दोनों का तलाक हो गया. अधिकारियों ने बताया कि उसके पूर्व पति फारूक को पता था कि मोहसिना फर्जी तरीके से पेंशन ले रही है, लेकिन उसने मामले की जानकारी तब दी जब वह पिछले साल उसे छोड़कर चली गई.  

कई धाराओं में दर्ज हुआ मामलाअलीगंज में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के कार्यालय द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चला कि मोहसिना ने पेंशन आवेदन फॉर्म में अपनी मां का नाम और अपने फोटो का इस्तेमाल किया था. इस आवेदन फॉर्म की जांच सही से नहीं होने की वजह से विभाग ने मोहसिना की पेंशन की अर्जी मंजूर कर ली थी. मामला सामने आने पर मोहसिना के खिलाफ अलीगंज पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 409 में मामला दर्ज किया गया है. 

सही तरीके से नहीं हुआ वेरिफिकेशनइस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला के आवेदन को मंजूरी देने वाले अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट आलोक कुमार ने बताया कि जांच में आरोपी के पेंशन आवेदन के वेरिफिकेशन और अप्रुवल प्रोसेस में कई खामियां हैं. इस मामले में आरोपियों के साथ मिलीभगत के दोषी पाए गए कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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