देहरादून में दून जिला प्रशासन ने आज सरकारी भूमि को कब्जेदारी से मुक्त कराने का अभियान शुरू किया. हिमाचल बॉर्डर से लगे शक्ति नगर किनारे डाक पत्थर से कुल्हाल तक भारी फोर्स के साथ सरकार के बुलडोजर गरजते रहे. एसडीएम विनोद कुमार के साथ उत्तराखंड ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की टीम भारी संख्या में सुरक्षा बल के साथ आज दिन भर कार्रवाई करती रही और सरकारी भूमि को कब्जेदारों से मुक्त करवाती रही.
यूपी, बिहार, झारखंड और बंगाल से आए एक वर्ग विशेष के लोगों ने बेशकीमती सरकारी भूमि पर कई सालों से अवैध रूप से बसावट कर ली थी. बताया जाता है ये पहले श्रमिक थे जिन्होंने शक्ति नगर बनाई और फिर यहीं बस गए और नदियों के खनन के कारोबार में जुट गए. ऊर्जा विभाग ने दो साल पहले भी प्रशासन की मदद से अपनी भूमि खाली करवाई थी और यहां बाद में सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए उक्त भूमि निवेशकों को दी थी.
11 हेक्टेयर भूमि कराई कब्जा मुक्त
एसडीएम विनोद कुमार के मुताबिक सीएम श्री धामी के निर्देश पर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान शुरू किया गया है. डीएम के आदेश पर उक्त कार्रवाई आज सुबह शुरू की गई है, इसमें हमे 11 हेक्टेयर भूमि जिसमें 111 अवैध रूप से बने भवन है कुछ धार्मिक संरचनाएं भी है इन्हें हमे अतिक्रमण मुक्त कराना है.
घुसपैठियों सरकारी भूमि पर किये हुए कब्जे
उल्लेखनीय है कि पछवादून में बड़ी संख्या में घुसपैठियों ने सरकारी भूमि पर कब्जे किए हुए है. जिन्हें धामी सरकार ने सख्ती से हटाने का अभियान शुरू किया है. सीएम पुष्कर सिहं धामी ने कहा, "हमारी सरकार की स्पष्ट नीति है कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया जाएगा. अभी तक करीब दस हजार एकड़ लैंड को हम लैंड जिहाद से मुक्त करवा चुके है.
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