UP Electricity Rates: उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों ने अप्रैल के बिल में फ्यूल सरचार्ज लगा दिया है. कंपनियों के इस फैसले से पांच साल बाद राज्य में बिजली के दाम बढ़े हैं. हालांकि अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. अपना दल कमेरावादी की नेता और सिराथू विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने इस फैसले का विरोध किया है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर पल्लवी ने लिखा- महंगी बिजली गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ देगी, सरकार व्यापार के लिए नहीं लोककल्याण के लिए है, इसलिए बिजली जैसी सुविधाएं महंगी नहीं निशुल्क की जानी चाहिए. वर्तमान समय में बिजली सबसे ज्यादा मूलभूत सुविधाओं में एक है. बिजली की महंगाई हमारे जीवन से जुड़ा वास्तविक और जटिल प्रश्न है. इसे और भयावह मत बनाइए.
यूपी वालों को तगड़ा झटका, महंगी हुई बिजली, अप्रैल के बिल से ही होगी वसूली
हर महीने होगी बैठकबता दें यूपी में बिजली कंपनियों ने फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज 1.24% लागू किया है. हालांकि विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध भी किया है. अभी तक पिछले 5 सालों में पहली बार इस तरीके की बढ़ोतरी हुई है. बिजली बिल बढ़ाने को लेकर कई बार बैठकें हुईं. उपभोक्ता परिषद बार-बार इस बात को लेकर के विरोध करता था. उनकी मांग थी कि बिजली बिल कंपनियों की तरफ से ₹33,122 करोड़ पिछले कुछ समय में उपभोक्ताओं से ज्यादा बिल लेकर के ले लिया गया है, इसको कैसे वापस किया जाएगा, वह कैसे एडजस्ट किया जाएगा?
बता दें इस फैसले के बाज राज्य में हर महीने इसको लेकर के बैठक होगी और उसमें तय किया जाएगा कि इस बार सरचार्ज बढ़ेगा या घटेगा. इस बार गुपचुप तरीके सरचार्ज लगा करके बिजली का बिल बढ़ाने की कवायद की गई है.
इस सरचार्ज के संदर्भ में कहा जा रहा है कि बिजली कंपनियों को 79 करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त आय होगी.