नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत की तरफ बढ़ रही है। अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की इस जबरदस्त जीत पर प्रतिक्रिया आई है। आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह चुनाव भारत की दो भिन्न अवधारणाओं के बीच था। एक तरफ भारत की प्राचीन अध्यात्म आधारित एकात्म, सर्वांगीण और सर्वसमावेशक जीवनदृष्टि या चिंतन है, जिसे दुनिया में हिंदू जीवन दृष्टि या हिंदू चिंतन के नाम से जाना जाता रहा है। दूसरी ओर वह अभारतीय दृष्टि थी जो भारत को अनेक अस्मिताओं में बांट कर देखती रही है।
गलतफहमी निर्माण करने का प्रयास किया गया
मनमोहन वैद्य ने अपने बयान में कहा कि दूसरी अवधारणा अपने निहित स्वार्थ के लिए समाज को जाति, भाषा, प्रदेश या धर्म के नाम पर बांटने का काम करती रही है। इस बांटने की राजनीति करने वालों ने हमेशा समाज को जोड़ने वाली और एकात्म दृष्टि से देखने वाली शक्ति का विरोध ही किया है। इसके बारे में तरह-तरह के आधारहीन और झूठे आरोप लगातार कर गलतफहमी निर्माण करने का प्रयास किया है।
समाज एक होने लगा
आरएसएस की ओर से कहा गया है कि स्वतंत्रता के साथ ही चल रही यह वैचारिक लड़ाई अभी एक निर्णायक मोड़ पर आ पहुंची है। यह चुनाव इस लड़ाई का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। समाज एक होने लगा, तो बांट कर राजनीति करने वालों का धरातल खिसकता नजर आ रहा है। सब बांटने वालों ने इकट्ठे आकर एक दूसरे का साथ देकर इस जोड़ने वाली शक्ति का सामना करने प्रयास किया।
आनंद का दिन
मनमोहन वैद्य ने बयान में कहा कि भारत की सुविज्ञ, बुद्धिमान जनता ने जोड़ने वाले और सर्वसमावेशक भारत का समर्थन कर सभी के विकास के सूत्र को विजयी बनाया है। भारत के उज्जवल भविष्य के लिए अत्यंत आश्वासक और आनंद का यह दिन है। भारत की जनता इसके लिए बधाई की पात्र है। इस वैचारिक लड़ाई में भारत के पक्ष के मजबूत नेतृत्व का और सभी कार्यकर्ताओं का हार्दिक अभिनंदन।