Gorkhapur Hazrat Mubarak Khan Idgah Story: हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध रचनाकार मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand Stories) की कहानी 'ईदगाह' तो सभी को याद होगी. जिसमें एक बच्चा, चूल्हे पर रोटियां बनाती अपनी दादी के हाथों को जलने से बचाने के लिए खिलौने की जगह चिमटा खरीद कर लाता है. मुंशी प्रेमचंद ने गोरखपुर (Gorakhpur) के हजरत मुबारक खां की ईदगाह और यहां पर लगने वाले मेले को देखकर ही ये कहानी लिखी थी. मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी आज भी जीवंत है. ईद के खास मौके पर आपको गोरखपुर की इसी खास ईदगाह (Gorakhpur Eidgah) के बारे में बताते हैं जहां आज भी पहले की तरह हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और ईद की नमाज पढ़ते हैं.


जानिए क्यों खास है गोरखपुर की ईदगाह 


गोरखपुर (Gorakhpur) के नार्मल रोड के पास स्थित हजरत मुबारक खां शहीद की दरगाह (Hazrat Mubarak Khan Idgah) पर ईद के मौके पर बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई नमाज अदा करने के लिए जुटे. एक माह के रमजान (Ramzan) के पाक महीने के बाद आज ईद की नमाज अलग-अलग मस्जिदों में अलग-अलग समय पर पढ़ी गई. हजरत मुबारक खां शहीद की ईदगाह पर सुबह 8 बजे से नमाज पढ़ी गई. इस दौरान मुस्लिम भाईयों के साथ बच्‍चों ने भी अल्‍लाह का शुक्र अदा किया और अमन और शांति की दुआ मांगी.


Char Dham Yatra 2022: पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण के साथ खुले गंगोत्री धाम के कपाट, सीएम धामी ने लिया आशीर्वाद


गोरखपुर में ऐसे पढ़ी गई ईद की नमाज

हजारों की संख्या में नमाजियों की भीड़ ईदगाह पर नजर आई. पूरा ईदगाह नमाजियों से भरा रहा. ईदगाह के अंदर से लेकर ईदगाह के बाहर भी लोगों ने नमाज अदा की. नमाज के बाद मुस्लिम भाईयों के साथ छोटे बच्‍चों ने भी एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी. नमाज अदा करने के बाद सभी अपने घर जाकर सेवइयां खिलाकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देंगे. ईदगाह के सामने नमाज के बाद बच्चे खिलौने खरीदते भी नजर आए. नमाज के बाद ईद की खुशियां बच्चों के चेहरे पर साफ दिखाई दीं. 


दुनिया में मशहूर है ये   ईदगाह
ईदगाह में नमाज पढ़ने आए नमाजी अनवर हुसैन ने बताया कि रमजान के पाक महीने के पूरा होने के बाद अल्‍लाह ईद का दिन खुशियों के साथ हमें तोहफे में देता है. सभी हिन्दू-मुस्लिम भाई ईद के मुबारक मौके पर एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियां बांटते हैं. हजरत मुबारक खां शहीद ईदगाह को मुंशी प्रेमचंद की कहानी ईदगाह की वजह से दुनियाभर में जाना जाता है. इस ईदगाह पर उन्होंने जो कहानी लिखी उसकी वजह से पूरी दुनिया इसे पहचानती है. अनवर हुसैन के साथ एक और नमाजी आफताब ने भी यही कहा कि मुंशी प्रेमचंद की वजह से ये ईदगाह दुनिया में जानी जाती है.


ईद के मौके पर बेहद खुश दिखे बच्चे
इस मौके पर एबीपी गंगा ने सेंट जोसेफ खोराबार स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अली से भी बात की. उसने पहला रोजा इस बार रखा था. वो अपने भाई आरिफ के साथ ईदगाह पर नमाज पढ़ने के लिए आया था. बच्चे ने बताया कि ईद के मुबारक मौके पर वो काफी खुश है. वे यहां पर नमाज अदा करने लिए आए हैं. घर जाकर वे ईद की खुशियां मनाएंगे. एक-दूसरे को ईद पर सेवइयां खिलाकर अमन का पैगाम देंगे. 


ये भी पढ़ें-


Eid Mubarak 2022: उत्तर प्रदेश में दिखाई दी ईद की रौनक, लखनऊ, कानपुर, शामली से आईं नमाज की खूबसूरत तस्वीरें