नई दिल्ली, पं.शशिशेखर त्रिपाठी। कुंडली में अगर शनि और राहु का योग हो, तो इसका क्या प्रभाव पड़ता है। इसके बारे में बताया है आपके अपने एस्ट्रो फ्रेंड पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने।
यदि कुंडली में हो शनि और राहु का योग
प्रभाव
- आजीविका के लिए यह योग अच्छा है
- शनि और राहु दोनों की ट्यूनिंग अच्छी है
- रोग के लिए यह योग ठीक नहीं है
- किसी भी रोग का इलाज जल्दी असर नहीं कर पाता है
- राहु और शनि जब दुर्घटना देते हैं तो वो भयानक होती है
- सेवकों से संबंध मधुर होते हैं, उनसे आत्मीयता हो जाती है।
- कर्म और नेटवर्क का संबंध: अपने कर्म को नेटवर्क में प्रसारित एवं प्रचारित करना और नेटवर्क से कर्म को उन्नत करने में एक्सपर्ट होते हैं।
उपाय
- प्राणायाम करना चाहिए
- सेवक और बड़े भाई के साथ संबंध सुधार कर रखें
- शिव उपासना करें। राहु और शनि में भक्ति में जोश से नाचना भी है
कुंडली में यदि राहु के साथ है शुक्र प्रभाव
- कलियुग में अधिकांश चीजों के लिए शुक्र ही जिम्मेदार है
- शुक्र भौतिकता का कारक है
- यह योग मुख्यता गुरु शिष्य योग है
- यह योग लग्जरी को एक्सपोज कर देता है
- राहु शुक्र के साथ आनन्दित हो जाते हैं, क्योंकि दोनों का नेचर कई पहलुओं पर मैच कर जाते हैं
- सुख भोगना दोनों की ही वरीयता है।
सावधानियां
- पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर ठीक नहीं है
- डायबेटिक, प्रौस्ट्रेट एवं यूरिन संबंधित समस्या होने पर सावधानी रखें
उपाय
- संयमित रहना चाहिए
- देवी उपासना करनी चाहिए
कुंडली में गुरु के साथ राहु होने पर
- गुरु चांडाल योग होता है, लेकिन यहां के लिए फिट है
- यह लोग लोभी स्वाभाव के होते हैं
- लीवर की समस्या हो सकती है, चिकनाई कम खाएं
- वजन बढ़ सकता है
- बाहरी दिखावे के लिए आध्यात्मिक हो सकते हैं
- टीचर अच्छे होते हैं
- कर्मकाण्ड से ज्यादा ध्यान और जाप में जाना चाहिए
- कर्मकाण्ड से ज्यादा ध्यान और जाप में जाना चाहिए। अपनी उपासना का फेम नहीं लेना है. प्रदर्शन नहीं करना है
यदि कुंडली में राहु के साथ हैं बुध
बुध बुद्धि है और राहु उसका प्रसार है। हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक दोनो ही परिणाम है, बस ध्यान यह रखना है कि किसी चीज का कैसे सदुपयोग करना है।
प्रभाव
- राहु और बुध आज के युग के हिसाब से बिल्कुल ठीक हैं
- विज्ञापन करना चाहिए
- दिमाग हमेशा तेज रहता है
- वैज्ञानिक पृवत्ति वाले होते हैं
- स्किन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं
- संचार के प्रचार प्रसार का कारक है
- मौसी मामा परिवार में नहीं होना चाहिए
उपाय
- बहन से संबंध ठीक रखें
- गणेश जी की उपासना करते रहे
यदि कुंडली में राहु के साथ मंगल विराज में हो तो
मंगल के साथ राहु जिनकी कुंडली में हो उनको थोड़ा सावधान रहना होगा। अपने क्रोध पर विशेष ध्यान देना होगा।
प्रभाव
- रक्त विकार या रक्त संबधियों से तनाव हो सकता है
- दुर्घटना से बचकर और सचेत रहे
- दांतों की समस्या से परेशान हो सकते हैं
- मंगल और राहु ब्लड कैंसर का भी कारण हो सकता है
- मुहासे को लेकर ध्यान रखें
- भाई के साथ संबंध ठीक रखें
- हर काम में सावधानी भी बरते
- खुफिया विभाग में कार्य करने में बेहद दक्ष होते है
उपाय
- हनुमान जी की उपासना करें
- मंगल का दान करें
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