Maha Kumbh 2025 Prayagraj: प्रयागराज महाकुंभ में आज महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान है, जिसके बाद कुंभ संपन्न हो जाएगा. महाकुंभ में इस बार रिकॉर्ड संख्या 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. ये दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. इसके सकुशल संपन्न कराने में पुलिस और प्रशासन की विशेष भूमिका रही, जिस पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने खुशी जताई. उन्होंने कहा इतने बड़े आयोजन का ऐसा मॉ़डल पहले कभी नहीं देखने मिला.
आज महाकुंभ मेला 2025 के संपन्न होने पर यूपी DGP ने कहा, महाकुंभ 2025 का अंतिम स्नान आज सुबह शुभ मुहूर्त में प्रारंभ हुआ. आज महाकुंभ 2025 अंतिम पड़ाव पर आ चुका है. अगर हम प्रयागराज की बात करें तो इस पूरे 45 दिनों में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां श्रद्धा की डुबकी लगाई. उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व और उनके दिशा-निर्देश में भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और पुलिसिंग में तकनीक के इस्तेमाल का एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है जो विश्व में कहीं और नहीं देखा गया.
डीजीपी ने की पुलिस प्रशासन की प्रशंसाउन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर इसकी प्रशंसा की जा रही है. हमारे साथियों ने पिछले 45 दिन बिना शस्त्र के अपने व्यवहार से सबका मन जीता है और यह पुलिस प्रशासन का मुखिया होने के नाते और शासन के लिए बहुत ही गर्व का विषय है. हम लोगों ने विश्वस्तरीय तकनीकों का इस्तेमाल किया. AI का भी भरपूर इस्तेमाल किया गया. अन्य संस्थाओं और एजेंसियों से हमें जो सहयोग मिला यह उसी का परिणाम है कि जो पहले कभी विश्व पटल पर नहीं हुआ वह हमारी टीम ने कर दिखाया है. रेलवे के साथ भी हमारा बहुत अच्छा समन्वय रहा.
महाकुंभ के दौरान हमारे धर्मस्थलों काशी विश्वनाथ, अयोध्या और विंध्यवासिनी देवी मंदिर में भी प्रतिदिन लगभग पांच से दस लाख श्रद्धालु आते रहे. हमारी पुलिस का सामर्थ्य पूरी तरह से टेस्ट किया गया और सभी उस पर खरे उतरे हैं. आज भी वाराणसी में शैव अखाड़ों के पांच अखाड़ों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर लिया है. दो अखाड़े दोपहर बाद करेंगे. इस पूरे प्रयास में रेल मंत्रालय और हमारी जीआरपी ने मिलकर यात्रा को सुगम बनाने में पूरा काम किया.
सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराएंगेडीजीपी ने कहा कि हमें पूरा विश्वास था कि हमारे साथियों ने 45 दिन तो काम किया ही, उससे पहले दो महीनों से हमारे पुलिस की टीम वहां गई. उन्हें ट्रेनिंग दी गई, 30 हजार से खोया पाया परिजनों को हमने लोगों से मिलाया, ये ऐसा मॉडल है जिसे सभी राज्य सीख लेंगे. जो भी श्रद्धालु आएं है हम उनको सुरक्षित तरीके से स्नान कराएंगे और वापस भेजेंगे. स्नानार्थियों के जाने तक उन्हें सुरक्षा दी जाएगी.