नोएडा. दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ी सौगात मिली है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को आज पूरी तरह जनता के लिए खोल दिया गया. विधिवत उद्घाटन के बाद इसे यातायात के लिए खोला गया. एक्सप्रेसवे के जरिए ढाई घंटे का सफर अब एक घंटे में पूरा हो सकेगा. दिल्ली से मात्र 60 मिनट में मेरठ पहुंचा जा सकेगा. वहीं, गाजियाबाद से सिर्फ आधे घंटे में मेरठ पहुंच जाएंगे. टोल की दरें अभी निर्धारित नहीं की गई हैं.
8500 करोड़ की लागत से बना एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के डायरेक्टर मुदित गर्ग ने कहा कि इसे बनाने में साढ़े 8 हजार करोड़ का खर्चा आया है. उन्होंने बताया कि इसे बनाने में ढाई साल का वक्त लगा है. कोरोना काल में काम को बंद करना पड़ा, वरना ये प्रोजेक्ट और जल्दी पूरा हो जाता.
क्या है खासियत
- सराय काले खां से डासना तक ये 14 लेन का है जबकि डासना से मेरठ तक 6 लेन हैं
- दिल्ली से मेरठ पहले ढाई घंटे में पहुचते थे अब 60 मिनट में पहुचेंगे
- डासना से मेरठ के बीच ग्रीन एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है जिसमें 50 हजार पेड़ लगाए गए हैं
- जाम या रेड लाइट का सामना नहीं करना पड़ेगा
- 8-10 किमी की दूरी पर एक्सप्रेसवे की हर लेन के ऊपर डिस्पले लगी होंगी, जिसमें गाड़ी की रफ्तार देखी जा सकेगी
- एक्सप्रेस वे पर भारी वाहनों की अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा और कार की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा रखी गई है.
- एक्सप्रेसवे पर चढ़ने और उतरने के लिए डासना में 5-5 लेन बनाई गई हैं
- दोनों तरफ 5-5 टोल बूथ बनाए गए हैं, हर बूथ के बीच 100 मीटर का अंतर
- डासना से मेरठ तक एक्सप्रेसवे में 72 कैमरे लगाए गए हैं
ये भी पढ़ें: