दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके के बाद लखनऊ में भी सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो गई है. इसी क्रम में गुरुवार को एटीएस ने कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पर छापा मारा. यहां डॉ. परवेज अंसारी, जो कि सीनियर रेज़िडेंट के पद पर तैनात था का दफ्तर और आवासीय कमरा खंगाला गया.

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एटीएस को उम्मीद थी कि परवेज के ऑफिस या कमरे से उसके नेटवर्क से संबंधित कुछ अहम सबूत मिलेंगे, लेकिन टीम को विशेष सफलता नहीं मिली, क्योंकि परवेज सात नवंबर को ई-मेल के जरिए इस्तीफा देकर गायब हो चुका था.

ढाई घंटे तक चली छापेमारी

यह छापेमारी लगभग ढाई घंटे चली ,इसमें कुछ सहकर्मियों से भी पूछताछ हुई. जांच एजेंसी की टीम दोपहर करीब दो बजे यूनिवर्सिटी पहुंची और ढाई घंटे तक तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान परवेज के कमरे और कार्यालय की तलाशी हुई, उसके सहकर्मियों से भी पूछताछ हुई. उसकी गतिविधियों और संपर्कों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई.

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2022 में बना था असिस्टेंट प्रोफेसर

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के रेकॉर्ड में पता चला है कि 2022 में परवेज को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था. हाल ही में उसने एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन इस्तीफा देने से पहले प्रक्रिया पूरी नहीं हुई. ज्वाइनिंग फॉर्म में उसने खुद को शादीशुदा बताया, लेकिन पत्नी और बच्चों का कॉलम खाली छोड़ दिया. जानकारी के अनुसार परवेज का पत्नी से अलगाव हो गया था और वह बिहार में रहती है.

छापेमारी के दौरान यूनिवर्सिटी के गेट पर सन्नाटा पसरा रहा. घटना से फैकल्टी, स्टाफ और छात्र सहमे हुए हैं. कई लोगों ने परवेज के साथ की अपनी साझा तस्वीरें और उसका मोबाइल नंबर डिलीट कर दिया है, ताकि जांच में उनका नाम न आए.

डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज अंसारी को लेकर एजेंसियों ने उनकी वित्तीय गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है. जांच में पता चला कि परवेज का मासिक वेतन बढ़कर 1.70 लाख रुपये हो चुका था, जो पंजाब नेशनल बैंक की खाते में आता था.

तीन साल पहले ख़रीदा था मकान 

तीन वर्ष पहले परवेज ने एक मकान खरीदा जिसे लेकर भी जांच हो रही. एटीएस ने जमीन बेचने वाले , रजिस्ट्री के दौरान गवाह से भी पूछताछ की है. वहीं एलआईयू भी अपने स्तर पर परवेज के पुराने परिचितों, संपर्कों और संभावित लिंक की जांच कर रही है.