Dehradun News: देहरादून पुलिस देर रात एक आरोपी को पकड़ने गई थी जहां आरोपी ने पुलिस पर फायर झोंक दिया गोली उत्तराखंड पुलिस के दरोगा को लगी है जिसमे दरोगा गंभीर रूप से घायल हुआ है जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. देहरादून के मालदेवता चौकी के चौकी इंचार्ज मिथुन कुमार दबिश में मसूरी गए थे जहां अपराधी ने पुलिस को आता देख उनपर फायरिंग शुरू कर दी जिसमे दरोगा मिथुन कुमार घायल हो गए उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है,


फायरिंग की सूचना पर पुलिस के तमाम सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंच गए. एसएसपी देहरादून अजय सिंह भी मौके पर पहुंचे थे घायल दरोगा को सबसे पहले इलाज के लिए भेजा गया. देहरादून पुलिस को एक अपराधीश शुभम के मसूरी में छुपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद पुलिस ने इस इलाके में डैमेज देना शुरू की थी. शुभम ने पुलिस को आता देख गोली चलाना शुरु कर दी जिसमें चौकी इंचार्ज गंभीर रूप से घायल हुए हैं.


वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी शुभम के दोनों पैरों में गोली लगी है. जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बीते दिनों देहरादून के बड़ा पुल के नीचे एक युवती गंभीर हालत में मिली थी. युवती के सिर में गोली लगी थी. इस युवती की हत्या के आरोप में पुलिस शुभम की तलाश कर रही थी. इसके देहरादून में छुपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद रायपुर पुलिस इस इलाके में दबिश देने गई थी तभी इस बदमाश ने पुलिस पर गोलियां चलाना शुरु कर दी.


दरोगा को अस्पताल में कराया भर्ती
बताया गया कि आरोपी शुभम अपनी पत्नी का कत्ल करना चाहता था इसी इरादे से उसने अपनी पत्नी के सिर में गोली मारकर उसे बड़ा पुल के नीचे फेंक दिया था. स्थानीय लोगों को गंभीर हालत में युवती मिली और उन्होंने इसे पुलिस के द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर युवती का इलाज चल रहा है. पुलिस इस मामले में छानबीन कर रही थी तभी पुलिस को मालूम हुआ कि इस लड़की के सिर में गोली किसी और ने नहीं इस लड़की के पति ने मारी है. पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी देहरादून से भाग कर मसूरी में जाकर छुप गया था. जिसकी सूचना पुलिस को मिली थी. पुलिस इसे पकड़ने गई थी तभी उसने पुलिस पर फायरिंग की. जिसमें दरोगा मिथुन कुमार घायल हो गए जवाबी फायर में शुभम के भी दोनों पैरों में गोली लगी है.


सीएम धामी ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लेते हुए डीजीपी से वार्ता की है. साथ ही उन्होंने एसएसपी देहरादून से भी वार्ता की. उन्होंने कहा है कि किसी भी हाल में दरोगा का इलाज नहीं रुकना चाहिए. उनका सबसे बेहतर इलाज होना चाहिए. साथ ही ऐसे अपराधियों को जो अपराधी पुलिस पर इस तरह से फायर करते हैं या अपराधों को अंजाम देकर उत्तराखंड को अपनी शरणस्थली बना रहे हैं. उन्हें किसी सूरत में छोड़ना नहीं चाहिये.


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