Dehradun News: स्मार्ट सिटी (Smart City) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के दिए गए बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां इस पूरे मामले का केंद्रीय नेताओं ने संज्ञान लिया है तो वहीं उत्तराखंड में भी लगातार त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान के बाद बड़े नेता बयान दे रहे हैं. शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने साफ कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के वरिष्ठ नेता है. उन्हें सरकार का मार्गदर्शन करना चाहिए, यानी कि उन्हें अब मार्गदर्शन की भूमिका में होना चाहिए, ना कि इस तरह के बयान देना चाहिए.


'सरकार का मार्गदर्शन करना चाहिए'
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी में विभिन्न पदों पर रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं, लेकिन जो बयान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया है तो यह खुद उन्हें समझ लेना चाहिए कि यह बयान किसके खिलाफ जा रहा है.. क्योंकि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और वह खुद बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता है. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें सरकार का मार्गदर्शन करना चाहिए, यदि कोई दिक्कत है तो मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को बुलाकर अपनी बात रख सकते हैं.


विपक्ष ने दिया ये बयान 
उधर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बीजेपी सरकार के ही 2 वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री इस तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं. तो कहीं न कहीं किसी स्तर पर गड़बड़ी हुई है और इनमें सच्चाई है. उनके इस बयान से पूरी सरकार कटघरे में खड़ी है. इससे सरकार की कार्यप्रणाली और कार्यक्षमता दोनों ही स्पष्ट जाहिर हो रही है कि सरकार में किस तरह से काम किया जा रहा है आर्य ने कहा कि ये सब जांच के विषय है. बता दें कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर कहा कि बार-बार स्मार्ट सिटी के सीईओ बदले गए, जो ठीक नहीं है. स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच होनी चाहिए और मंच को तोड़ना गलत है.


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