Uttarakhand News: विधानसभा में बैक डोर भर्ती मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) की तरफ से लगाए जा रहे गंभीर आरोपों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है. जहां पूर्व रावत ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल (Premchandra Aggarwal) को हटाने की मांग की है. जबकि कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू ने भी प्रेमचंद्र अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसाईं का कहना है कि जब विधानसभा में लगे अधिकारियों की छुट्टी कर दी गई है तो ऐसे में उनको तैनाती देने वाले भी बड़े गुनहगार हैं. आखिरकार सरकार से लेकर संगठन तक ने इस पूरे मामले में चुप्पी क्यों साध रखी है. 



हाईकोर्ट के फैसले पर जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से मोहर लगी है. वैसे ही प्रेमचंद्र अग्रवाल को कैबिनेट मंत्री पद से हटाने को लेकर विपक्ष और सामाजिक संगठनों की ओर से हल्ला बोल शुरू होने लगा है. एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ हल्ला बोल किया हुआ है तो वहीं हरक सिंह रावत की पुत्रवधू और कांग्रेस नेत्री भी प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ मैदान में उतर चुकी हैं.


बीजेपी ने कुछ इस तरह किया बचाव


हालांकि इस पूरे मामले में सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा है कि शुरुआती दौर से बात करें तो कांग्रेस के कई ऐसे विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं उनके कामों की जांच क्यों नहीं हुई है. इस पूरे मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट अपनी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का बचाव करते नजर आए. इस पूरे मामले में फिलहाल क्या निर्णय होगा उसका इंतजार करना होगा लेकिन एक तरफ जहां हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने भी यथावत रखा है उसके बाद में यह मुद्दा गरमाने लगा है कि जब विधानसभा में गलत तरीके से लगे कर्मचारियों की छुट्टी तो कर दी गई है लेकिन नौकरी दिलाने वाले अभी भी कुर्सी पर काबिज हैं.


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