किसानों की आमदनी बढ़ाने और लोगों को पौष्टिक अनाज देने के लिए योगी सरकार ने एक नई पहल की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के 47 जिलों में न्यूट्री सीरियल्स (मोटे अनाज या श्री अन्न) की खेती को बढ़ावा देने का बड़ा अभियान शुरू किया जा रहा है. यह काम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन योजना के तहत किया जाएगा. इस योजना के लिए सरकार ने 2025-26 की राज्य कार्ययोजना तैयार कर ली है.
सरकार का मानना है कि इस योजना से छोटे और मझोले किसानों की जिंदगी बदल जाएगी. एक तरफ किसानों को खेती से अच्छी आमदनी मिलेगी, तो दूसरी तरफ लोगों को ज्वार, बाजरा, कोदो और सावां जैसे पौष्टिक अनाज खाने को मिलेंगे. ये अनाज न सिर्फ सस्ते होते हैं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं. डॉक्टर भी कहते हैं कि मोटे अनाज खाने से शरीर को ताकत मिलती है और बीमारियां दूर रहती हैं.
सरकार ने बताया कि अयोध्या, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली और सीतापुर समेत 47 जिलों में इन अनाजों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. ज्वार की खेती 24 जिलों में होगी, बाजरे की खेती 38 जिलों में, कोदो की खेती 13 जिलों में और सावां की खेती 12 जिलों में कराई जाएगी. इससे किसानों को ज्यादा दाम मिलेंगे और वे खुशहाल होंगे.
ज्वार की खेती से फायदा-
अयोध्या, बाराबंकी, बांदा, चित्रकूट, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, जालौन, हमीरपुर, सुल्तानपुर, कौशाम्बी, महोबा, रायबरेली, प्रयागराज, अमेठी, सोनभद्र, सीतापुर, हरदोई, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, उन्नाव, जौनपुर, गाजीपुर और वाराणसी जैसे जिलों में ज्वार की खेती कराई जाएगी.
बाजरे की खेती से मुनाफा-
आगरा, बदायूं, अलीगढ़, फिरोजाबाद, सम्भल, हाथरस, एटा, मथुरा, कासगंज, इटावा, औरैया, प्रयागराज, कानपुर देहात, मैनपुरी, गाजीपुर, बरेली, जालौन, मिर्जापुर, बुलन्दशहर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, भदोही, फतेहपुर, वाराणसी, फर्रुखाबाद, जौनपुर, चन्दौली, बांदा, कन्नौज, शाहजहांपुर, हरदोई, अमरोहा, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर, रामपुर, कानपुर नगर और सीतापुर जिलों में बाजरा उगाया जाएगा.
सावां की खेती से कमाई-
जालौन, सोनभद्र, चित्रकूट, मिर्जापुर, जौनपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, भदोही, वाराणसी, चन्दौली और हमीरपुर में सावां की खेती की जाएगी.
कोदो की खेती से नई उम्मीद-
जालौन, सोनभद्र, चित्रकूट, मिर्जापुर, फर्रुखाबाद, चन्दौली, भदोही, प्रतापगढ़, जौनपुर, हरदोई, वाराणसी, मुरादाबाद और हमीरपुर जिलों में कोदो की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
गौरतलब है कि मोटे अनाजों को ‘श्री अन्न’ भी कहा जाता है. ये अनाज गरीब किसानों के लिए बहुत अच्छे होते हैं क्योंकि इन्हें कम पानी में भी उगाया जा सकता है. सरकार इस योजना को मिशन मोड में लागू कर रही है ताकि गांव-गांव तक इसका फायदा पहुंचे. छोटे और मझोले किसान जो पहले अपनी छोटी जमीन पर मुश्किल से गुजारा कर पाते थे, अब न्यूट्री सीरियल्स की खेती करके ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे.