'गरीब और कमजोर बच्चे हो रहे हैं शिकार', कफ सिरप मामले पर बोले मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
Cough Syrup Ban: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने खांसी सिरप पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि दवा कंपनियां बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं और सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए.

देश में जहरीली कफ सिरप का मामला गरमाया हुआ है. खांसी की सिरप पर बढ़ते विवाद के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि दवा कंपनियां बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और इस पर केंद्र सरकार को तत्काल सख्त कदम उठाने चाहिए. उनका कहना है कि यह सिर्फ दवा का मामला नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य से जुड़ा राष्ट्रीय मुद्दा है.
बच्चों की सेहत पर खतरा
मौलाना रजवी ने आईआएनएस को दिए बयान में कहा कि गरीब और कमजोर तबके के बच्चे दवा कंपनियों के झूठे प्रचार और कैंपेन का शिकार हो रहे हैं. इन दवाओं के कारण बच्चों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, जिससे उनके जीवन और भविष्य दोनों खतरे में हैं. उन्होंने जोर दिया कि इस स्थिति को नजरअंदाज करना सरकार के लिए उचित नहीं होगा.
Bareilly, UP: On cough syrup ban, All India Muslim Jamaat’s National President, Maulana Mufti Shahabuddin Razvi Barelvi, says, "The way pharmaceutical companies are playing with children’s health, the Government of India must take necessary action. Special attention is required… pic.twitter.com/wqLPQCxcVH
— IANS (@ians_india) October 5, 2025
नई पीढ़ी को स्वस्थ रखना सरकार की जिम्मेदारी- मौलाना रजवी
उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की पहली जिम्मेदारी है. मुफ्ती रजवी के अनुसार, "नई पीढ़ी को स्वस्थ रखना और उन्हें हानिकारक दवाओं से बचाना सरकार की अनिवार्य जिम्मेदारी है." उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो इसके गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी परिणाम सामने आ सकते हैं.
सख्त कानून और निगरानी की मांग
मौलाना रजवी ने सरकार से मांग की कि दवा कंपनियों पर सख्त निगरानी रखी जाए और बच्चों के लिए बनाए जाने वाले सिरप और दवाओं पर कठोर परीक्षण नियम लागू हों. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि सख्त कानूनी कार्रवाई भी जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके.
Source: IOCL

























