यूपी के गोरखपुर विश्वविद्यालय में जेएनयू की तरह हुई नारेबाजी ने विवाद खड़ा कर दिया है. बीएएसएफ (भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन) की ओर से दो दिन पहले शहीद भगत सिंह की जयंती मनाई गई. इस दौरान फेडरेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जेएनयू वाले नारे लगाए गए. इस प्रकरण पर विश्‍वविद्यालय प्रशासन सख्‍त एक्‍शन के मूड में है.

Continues below advertisement

गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय मुख्य द्वार के अंदर शनिवार 27 सितंबर को छात्र संगठन भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन के बैनर तले शहीद भगत सिंह की जयंती का आयोजन किया गया. इस दौरान विधि प्रथम वर्ष का छात्र चंदन यादव 'हमें चाहिए आजादी...' जैसे नारे लगाने लगा. इसके बाद साथ में खड़े अन्य स्टूडेंट भी नारे को दोहराते हुए दिखाई दिए. संगठन की ओर से शहीद-ए-आजम भगत सिंह की विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जयंती मनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था.

नारा लगाने वाले छात्र चंदन यादव ने क्या कहा?

गोरखपुर विश्वविद्यालय की विधि प्रथम वर्ष के छात्र चंदन यादव ने बताया कि वह किसी भी संगठन से जुड़े नहीं हैं. वह विश्वविद्यालय की विधि प्रथम वर्ष के छात्र हैं. चंदन ने कहा कि उनका किसी राजनीतिक संगठन से कोई लेना-देना नहीं है. उन्‍होंने विभिन्‍न मुद्दों को नारे में दर्शाते हुए उन पर आजादी की बात कही है. छात्र चंदन ने कहा है कि आरएसएस-बीजेपी सुन लें...कि उन्‍हें किन मुद्दों पर आजादी चाहिए.  उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें नहीं लगता है कि उन्‍होंने कुछ गलत किया है. 

Continues below advertisement

चंदन ने बताया खुद की जान को खतरा

चंदन के मुताबिक, शहीद भगत सिं‍ह ने भी कहा था कि आजादी मिलने के बाद कुछ चीजों से तुम्‍हें आजादी नहीं मिल पाएगी. उन्‍होंने भी वही बात कही है. उन्‍हें कार्रवाई से डर नहीं है. डर इस बात‍ का है कि कुछ लोग उनके ऊपर हमला न कर दें.

इन नारो में कुछ गलत नहीं- बीएएसएफ जिला संयोजक

गोरखपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्‍ता व बीएएसएफ (भीम आर्मी स्‍टूडेंट फेडरेशन) के जिला संरक्षक‍ आकाश पासवान ने बताया कि 1 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में ‘हमें चाहिए आजादी हम लेकर रहेंगे आजादी’ समेत तमाम नारे लगाए जा रहे हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है. वे अपने संगठन के साथ हैं. वे अधिवक्‍ता हैं. इस कार्यक्रम के दौरान वे खुद भी मौजूद रहे हैं. कुछ गलत नहीं हुआ है. इसमें जरूरत पड़ेगी, तो वे विधिक कार्रवाई भी करेंगे.  

जांच कर की जाएगी सख्त कार्रवाई- कुलपति

गोरखपुर विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि, विश्‍वविद्यालय प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति लिखित और मौख्रिक रूप से नहीं दी गई थी. इस तरह की गतिविधियों के लिए विश्‍वविद्यालय प्रशासन अनु‍मति नहीं देता है. इसकी जांच कर सख्‍त कार्रवाई की जाएगी.