Congress Vs SP: लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होकर गठबंधन करने वाले विपक्षी दलों के बीच विधानसभा चुनावों के दौरान ही रार देखने को मिली. मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में मतभेद खुलकर सामने आए. बात इतनी बढ़ गई कि दोनों तरफ से बयानबाजी के दौरान 'छुटभैय्या नेता', 'चिरकुट' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया. यहां तक कि इंडिया गठबंधन के भविष्य पर भी संशय के बादल मंडराने लगे थे.


हालांकि अब दोनों तरफ से मामले में नरमी बरती जा रही है. अब सवाल ये है कि आखिर ये विवाद कब और कहां से शुरू हुआ था? दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और सपा ने अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करनी शुरू की. दोनों ने कई सीटों पर अलग-अलग उम्मीदवार उतार दिए. 


अखिलेश ने दिया बड़ा बयान


इस बारे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस उन्हें सीटें देने को तैयार नहीं तो यूपी में सपा बड़े भाई की भूमिका में है. सपा भी यूपी में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी. सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं ने मध्य प्रदेश में एक बैठक के लिए कांग्रेस के फोन कॉल का जवाब नहीं दिया होता अगर उन्हें पता होता कि इंडिया गठबंधन केवल राष्ट्रीय स्तर (लोकसभा चुनाव के लिए) तक ही सीमित है. अगर अभी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं किया गया तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा. 


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बयान से बढ़ा तापमान


इस मामले में कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि उनकी पार्टी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. मध्य प्रदेश में सपा की कोई हैसियत नहीं है. अजय राय के इस बयान के बाद जुबानी जंग और आगे बढ़ी और अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष की कोई हैसियत नहीं होती. उनकी हैसियत क्या है? इंडिया गठबंधन के बारे में वे कितना जानते हैं, क्या बैठकों में थे. 


सपा अध्यक्ष ने कहा- चिरकुट नेता


उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ये नेता बीजेपी से मिले हुए हैं. मैं कांग्रेस से कहूंगा कि अपने इन चिरकुट नेताओं से हमारे लिए बयान न दिलवाए. अखिलेश ने कांग्रेस को धोखेबाज बताते हुए कहा कि अगर उन्हें पता होता इंडिया गठबंधन विधानसभा स्तर पर नहीं है तो वह कांग्रेस से बात ही नहीं करते. 


कांग्रेस नेताओं ने किया पलटवार


इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अखिलेश यादव पर पलटवार किया और कहा कि जो अपने बाप का सम्मान नहीं कर पाया, वह मेरा क्या करेगा? इस बयानबाजी में फिर और भी नेता कूद पड़े. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ से जब अखिलेश यादव का नाम लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि छोड़ो भई अखिलेश-वखिलेश को. वहीं छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने अखिलेश को पहचानने से इनकार कर दिया और पूछा कि ये कौन अखिलेश यादव है? 


अखिलेश के बयान पर जताई नाराजगी


कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने अजय राय को चिरकुट कहे जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि समाजवादी पार्टी के “राष्ट्रीय” अध्यक्ष अखिलेश यादव को हम हमेशा माननीय अध्यक्ष कह कर संबोधित करते हैं, लेकिन वो हमारे प्रदेश अध्यक्ष को “चिरकुट” बता रहे हैं. ये तो सरासर पार्टी नेतृत्व की तौहीन है, इस तरह से ये गठबंधन कितने दिन चल पायेगा? ये बयान तो “इजराइल” की “मिजाइल” जैसा है, गठबंधन की “इमारत” को धराशायी कर सकता है. 


रामगोपाल यादव ने बताया छुटभैय्या नेता


इसपर अखिलेश के चाचा और सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कांग्रेस नेताओं को लेकर कहा कि हमें इनपर कुछ नहीं कहना है, ये छुटभैय्या नेता हैं. कांग्रेस को अपने छोटे नेताओं के बोलने पर रोक लगानी चाहिए. इस सियासी घमासान में अन्य नेता और कार्यकर्ता भी कूद पड़े. दोनों तरफ से तीखे बयानों के तीर छोड़े गए. 


कांग्रेस आलाकमान के मैसेज से मामला हुआ शांत 


बहरहाल, इसी बीच अखिलेश यादव को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का मैसेज आया और मामला शांत हुआ. अखिलेश ने कहा कि वे गठबंधन को बचाने की हर संभव कोशिश करेंगे. कांग्रेस के बड़े नेता का हमारे पास संदेश आया है. इसलिए बड़े नेता की बात माननी पड़ेगी. कांग्रेस को जरूरत महसूस होने पर सपा साथ देने में पीछे नहीं हटेगी. बता दें कि, मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को चुनाव होंगे और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. 


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