उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आधार कार्ड को जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही योगी सरकार ने सभी सरकारी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी कर कहा है कि अब आधार कार्ड केवल पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल होगा न कि उम्र या जन्म तिथि सत्यापन के लिए. वहीं यूपी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे तुगलकी फरमान बताया है.

Continues below advertisement

कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने योगी सरकार के आधार कार्ड को जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में न मानने वाले फैसले पर कहा कि सरकार द्वारा आधार को न मानते हुए जन्म के लिए नए प्रमाण की मांग करने का फैसला तुगलकी फरमान है. कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार अधिकारियों के अधूरे ज्ञान से उत्तर प्रदेश की जनता को कष्ट पहुंचाना चाहती है, तहसील में लूटने चक्कर लगाने के लिए मजबूर करना चाहती है. नया जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए SDM कोर्ट में जन्म पंजीयन नियमावली की धारा 9(3) के अंतर्गत मुकदमा दायर करना होगा तब जन्म का प्रमाण पत्र मिलेगा.

क्या है योगी सरकार का फैसला

Continues below advertisement

योगी सरकार की तरफ से आदेश जारी कर बताया गया है कि आधार कार्ड जन्म तिथि का अनुमन्य प्रमाण नहीं है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अभी भी आधार कार्ड को जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा रहा है. राज्य सरकार के समस्त विभागों को उक्त सम्बन्ध में अवगत कराने की अपेक्षा की गई है.अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आधार कार्ड को जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार न किए जाने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का कष्ट करें.

डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य बोले इसे फ्रॉड रुकेगा

वहीं यूपी प्लानिंग कमीशन के नए ऑर्डर में जन्मतिथि के सबूत के तौर पर आधार कार्ड को हटाने पर यूपी के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहा इससे फ्रॉड रुकेगा, सबसे जरूरी बात यह है कि अपने बेटे को MLA बनाने के लिए आजम खान जैसे लोग पैन कार्ड बदलवाकर उसकी उम्र कम करवाते हैं. इससे एक मैसेज जाता है, यह एक अच्छा फैसला है और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए.

बरेली: 36 साल से फरार हत्या का आरोपी पुलिस ने किया गिरफ्तार, पहचान छिपाने के लिए बदला था धर्म