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बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पटना में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं ने बिहार से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की. हालांकि इस बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही अपने एक फैसले को लेकर चर्चा में रहे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने योगी सरकार के एक फैसले की चर्चा की.

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इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' के कार्यक्रम में बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला. हालांकि इस दौरान राहुल गांधी ने भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के जाति वाले फैसले की भी चर्चा की.

पटना में हुई CWC की बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस सरकार ने तो आज से 30 साल पहले तमिलनाडु के लोगों के लिए 69% आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा दी. लेकिन यहां डबल इंजन की सरकार यह कर नहीं सकी, इसका उदाहरण यही है कि पीएम मोदी खुद वो नहीं चाहते कि बिहार आगे बढ़े. खरगे ने कहा कि सबसे अजीब बात है, यूपी के मुख्यमंत्री ने की जो अपने आप को प्रधानमंत्री का उत्तराधिकार समझते हैं. उन्होंने पहले आरक्षण के विरोध में लेख लिखा, अब उन्होंने जातियों के नाम पर होने वाली रैलियों पर रोक लगा दी है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री देश को बताएंगे कि एक तरफ हम सब जाति जनगणना करने की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ ऐसे लोगों जो अपने ऊपर हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ सड़क पर उतरते हैं उनको आप मुख्यमंत्री जेल में डालने की बात कर रहे हैं. क्या यह सही है? क्या यह ठीक है? हमको जनता को यह बताना चाहिए किस ढंग से वो इस देश में अपना हुकूमत चलाना चाहते हैं.

उत्तर प्रदेश में क्या हुआ आपने देखा?

वहीं 'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' के कार्यक्रम में कांग्रेस सासंद राहुल गांधी ने कहा हम जाति जनगणना करवाना चाहते हैं क्योंकि हम दूध का दूध पानी का पानी करवाना चाहते हैं और दिखाना चाहते हैं कि इस देश में दलितों की अति पिछड़ों की पिछड़ों की कितनी आबादी है. माइनॉरिटीज की आदिवासियों की गरीब जनरल कास्ट की कितनी आबादी है, पूरे देश को पता लगना चाहिए, वो हमारी विचारधारा है. दूसरी तरफ पता नहीं आपने देखा या नहीं, उत्तर प्रदेश में क्या हुआ आपने देखा? आपने देखा कि उत्तर प्रदेश में अब जाति बेस प्रोटेस्ट करना मना है. एक तरफ वो सोच है और दूसरी तरफ हमारी सोच. आज हम यहां क्यों आए, क्योंकि हम अति पिछड़ा वर्ग को एक विजन देना चाहते हैं.

क्या है योगी सरकार का फैसला

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. योगी सरकार के आदेश के अनुसार पुलिस रिकॉर्ड, सरकारी दस्तावेजों, सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया पर जाति का कोई उल्लेख नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही सरकार ने जाति के नाम होने वाली राजनीतिक या सार्वजनिक रैलियां और सम्मेलन व सभाओं पर भी प्रतिबंधित लगाने को कहा है.