Lucknow News: कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा (Aradhana Mishra) ने शुक्रवार को सदन में छह पुलिसकर्मी को सजा मिलने की घटना को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि 1962 के बाद पहली बार इस तरह की घटना हुई है. इस देश की विधायिका खासतौर से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए संविधान का जो मजबूत स्तंभ है उसे और मजबूत करने के लिए यह बहुत बड़ा कदम है. यह प्रक्रिया दलीय नेताओं और सदन के सदस्यों की सहमति से पूरी हुई है.


कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने आगे कहा कि हमारे एक साथी सलिल विश्नोई के साथ घटना हुई थी. उनके साथ अभद्रता हुई और उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ. ऐसे में ये फैसला अधिकारियों के लिए एक नजीर बनेगा. विधायिका और कार्यपालिका यह दोनों जब तक साथ मिलकर एक दूसरे के सम्मान के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक हमेशा विसंगतियां होंगी. इस फैसले का मैसेज बहुत दूर तक जाएगा, हम सभी के लिए एक बड़ा अवसर था.


'यह फैसला पूरी विधायिका के लिए था'
सपा के वाकआउट पर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि सभी सदस्यों नेताओं की राय से इस पूरी प्रक्रिया को करने की बात रखी गई थी. सभी की सहमति से रखी गई थी, पक्ष विपक्ष सब साथ रहे. यह फैसला पूरी विधायिका के लिए था, सभी सदस्यों के अधिकारों, उनके सम्मान की बात थी, तो सभी को साथ खड़े होना चाहिए था. पूरी पारदर्शिता से इसकी कार्यवाही को अंजाम दिया गया क्योंकि सदन के पटल पर यह कार्रवाई आ गई है. इसकी निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. पूरी तरह से निष्पक्ष निर्णय हुआ है. किसी भी सदस्य के साथ ऐसी घटना हो तो उन्हें ऐसे मामलों को विशेषाधिकार समिति के सामने लाना चाहिए. हम इतना कह सकते कि किसी भी सदस्य साथ ऐसा हो, किसी भी दल का हो कांग्रेस उसके साथ खड़ी है.


डिप्टी सीएम को लेकर कही ये बात
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद के राहुल गांधी को लेकर दिए बयान पर आराधना मिश्रा ने कहा कि जेल में भेजने का निर्णय तो बीजेपी नहीं ले सकती. यह बड़े सम्मान की बात है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. हमारा लोकतंत्र न्याय और संविधान से चलता है, हमें अपने संविधान पर विश्वास है, न्यायपालिका पर विश्वास है. कोई भी व्यक्ति चाहे बड़ा नेता हो या कोई भी अगर गलत काम करेगा तो सजा तय करने के लिए न्यायपालिका है. उसकी सजा कोई विधायक या मंत्री तय नहीं कर सकता, अधिकार उनको नहीं है. राहुल गांधी के संस्कारों पर हमें केशव प्रसाद मौर्य से सर्टिफिकेट लेने की कोई जरूरत नहीं है. राहुल गांधी में वह सारे संस्कार हैं जो देश की संस्कृति और सभ्यता के अनुरूप है.


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