आगरा, नितिन उपाध्याय। आईजी रेंज आगरा ए. सतीश गणेश को ऐसा सम्मान मिला है, जो वह अपने 23 साल के पुलिस करियर में सबसे बड़ा मानते हैं। ये सम्मान उन्हें एक आम आदमी ने दिया है। एटा के सिद्धार्थ नगर भगीपुर के रहने वाले विजयपाल सिंह जो हाल ही में एक सरकारी विभाग से लिपिक पद से रिटायर हुए हैं, उन्हें आई जी सतीश गणेश का एक कृत्य ऐसा भाया, कि उन्होंने पुरस्कार स्वरूप 500 रुपये का चेक भेजा और साथ ही एक प्रशंसा पत्र भी।
दरअसल 21 जुलाई को विजयपाल सिंह ने एक अखबार में पढ़ा था कि आई जी रेंज आगरा सतीश गणेश अचानक मथुरा जनपद के थाना हाइवे पहुंचे और अपने आप को कर्नल बताकर लैपटॉप, कागजात और कैश चोरी की एफआईआर दर्ज कराने की बात प्रभारी निरीक्षक रामपाल सिंह से की, और रामपाल सिंह भाटी ने तत्काल मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस की कार्यप्रणाली से प्रसन्न होकर विजयपाल सिंह ने 500 रुपये का एकाउंट पेय चेक आईजी सतीश गणेश को भेजा और 200 रुपये का रामपाल सिंह भाटी को जो उस वक्त मथुरा के थाना प्रभारी रामपाल सिंह भाटी को 200 रुपये चेक भेजकर पुरस्कृत किया है। साथ ही राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल को भी चिट्ठी लिखी है कि जनता के प्रति निष्ठावान और ईमानदार अधिकारी का नाम ईमानदार अधिकारियों की सूची में दर्ज कराएं।
दरसअल विजयपाल सिंह इस कृत्य से इसलिये खुश हुए क्योंकि अमूमन पुलिस अधिकारियों और कर्मियों का सामान्यतः ऐसा व्यवहार नजर नहीं आता है।
इस पूरी घटना पर आई जी सतीश गणेश कहते हैं कि ये अब तक के 23 साल के पुलिसिंग करियर का सबसे बेहतर तोहफा है। और इसके लिए उनके पास शब्द नहीं है। मेरा ये कृत्य विजयपाल जी को अच्छा लगा होगा, तभी उन्होंने मुझे पुरस्कृत करने का फैसला किया। मैं चेक को भुनाऊंगा नहीं, लेमिनेट कराके ज़िंदगी की एक बेहतरीन उपलब्धि के तौर पर संजोकर रखूंगा। मुझे जानकारी हुई है कि विजयपाल सिंह हाल ही में रिटायर हुए हैं और 30 हज़ार के करीब उनकी मासिक आमदनी है, ऐसे में 500 रुपये चेक भेजकर मुझको सम्मानित करना बहुत ही सुखद अनुभूति है।