कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी के मामले ने इस समय वाराणसी में हड़कंप मचा दिया है. अवैध तरीके से सिरप के लाखों की खेप की तस्करी ने सभी को हैरान कर दिया है कि वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण जनपद में सालों से करोड़ों का यह अवैध व्यापार फल फूल रहा था लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी.

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अवैध तरीके से इसकी तस्करी झारखंड बंगाल बिहार से लेकर बांग्लादेश तक बताई जा रही है. यूपी एसटीएफ, यूपी पुलिस और ड्रग्स विभाग की तरफ से कार्रवाई की गई है. इसके अलावा इसके तार को सुलझाने के लिए SIT गठित करने के साथ साथ STF व ड्रग्स विभाग द्वारा जांच भी की जा रही है.

'यह दो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में'

कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी मामले में दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल और दूसरा उसका सहयोगी अमित सिंह टाटा का नाम है. बीते दिनों अमित सिंह टाटा को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है और उससे पूछताछ की जा रही है. 

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वहीं सोशल मीडिया की तस्वीरों के आधार पर उनके संपर्क बाहुबली नेता और अन्य चर्चित नाम से जुड़े बताए जा रहे हैं. फिलहाल इस मामले का सरगना अभी भी गिरफ्त से बाहर है. अब तक करीब तीन दर्जन से अधिक फर्म के खिलाफ जांच की जा रही है, एक दर्जन फर्म पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. 

विपक्षी दलों ने सरकार से पूछा सवाल

इस मामले पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि इतने प्रमुख संसदीय क्षेत्र में सालों से यह व्यापार हो रहा था लेकिन किसी को भनक नहीं लगी. हकीकत तो यह है कि जिनका नाम चल रहा है वह प्यादे हैं इसका सरगना कोई और है. 

वहीं कांग्रेस पार्टी की तरफ से अजय राय ने भी सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर में इतनी बड़ी तस्करी बनारस जैसे जनपद में हो रही थी और सरकार कहां सोई थी. अब देखना होगा कि इस मामले के मास्टरमाइंड को पुलिस और जांच एजेंसियों द्वारा कब तक गिरफ्तार किया जाता है.