सोनभद्र पुलिस ने कोडीन कफ सिरप तस्करी के मास्टरमाइंड भोला प्रसाद जायसवाल कोलकाता से ट्रांजिट रिमांड पर सोनभद्र लाया गया है. ड्रग माफिया शुभम जायसवाल का पिता भोला प्रसाद पूरे परिवार के साथ थाईलैंड भागने की तैयारी में था. सोनभद्र पुलिस ने इस भगोड़े को विदेश जाने से पहले ही दबोच लिया. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि भोला प्रसाद झारखंड के रांची में शैली ट्रेडर्स के नाम से नकली बिलिंग कर करोड़ों की कोडीन कफ सिरप विभिन्न जिलों में भेजता था.
ड्रग माफिया शुभम जायसवाल के पिता भोला ने खुद पुलिस को बताया है कि झारखंड में एक गुप्त गोदाम से पूरा कोडीन कफ सिरप रैकेट ऑपरेट होता था. वित्तीय लेनदेन सीए विष्णु अग्रवाल संभालता था. अब SIT और चार जिलों की पुलिस भोला से अलग-अलग पूछताछ करेगी.
भोला प्रसाद के सीए को जल्द पकड़ सकती है पुलिस
यह रैकेट सिर्फ तस्करी नहीं बल्कि एक व्यवस्थित ड्रग सप्लाई चेन था. शैली ट्रेडर्स जिसका अस्तित्व जमीन पर नहीं, पर कागजों पर एक विशाल बुकिंग सेंटर की तरह था. भोला प्रसाद ने स्वीकार किया कि पूरा कोडीन कफ सिरप का संचालन रांची के एक गोदाम से होता था. उसी से खेप निकलती, उसी से फर्जी बिलिंग तैयार होती और अलग-अलग राज्यों में भेजी जाती. वित्तीय लेनदेन बैंक, नकदी और हवाला, सब कुछ संभालने वाला सीए विष्णु अग्रवाल था. पुलिस CA को भी जल्द ही पकड़ सकती है.
25 करोड़ का फर्जी कारोबार का खुलास
पुलिस जांच में सामने आया है कि भदोही, चंदौली, वाराणसी और सोनभद्र चार जिलों में 25 करोड़ रुपये का फर्जी लेनदेन किया गया. इनमें शामिल अधिकतर फर्में धरातल पर अस्तित्वहीन पाई गईं न दुकान, न गोदाम, बस कागजों पर बिलिंग कंपनियां. इन कागजी कंपनियों के जरिए लाखों शीशियां कफ सिरप बिना किसी चेकिंग, बिना किसी असल बिक्री के सप्लाई होती रही.
दरअसल, इस पूरी कहानी की शुरुआत हुई थी 18 अक्टूबर को सोनभद्र की चेकिंग में दो कंटेनरों से बरामद हुई 1,19,675 शीशियां, कीमत 3 करोड़ 50 लाख रुपये थी. यही बरामदगी इस पूरे रैकेट को बेनकाब करने की सबसे पहली और सबसे बड़ी कड़ी बनी.
मामले में सोनभद्र पुलिस ने अलग- अलग शहरों में की कार्रवाई
सोनभद्र पुलिस ने सीमाएं तोड़ीं टीम भेजी गई झारखंड 1 नवंबर रांची में छापा पड़ा. गोडाउन से मिलीं 134 पेटियां, कुल 13,400 शीशियां अवैध कफ सिरप की.यानी गोडाउन नेटवर्क का असली दिल. इसके बाद कार्रवाई पहुँची NCR गाजियाबाद में 4 ट्रकों की चेकिंग की गई और मिला 3 करोड़ 40 लाख रुपये की प्रतिबंधित कफ सिरप और 20 लाख रुपये की फंडिंग की नकदी. यह रकम बताती है कि गिरोह का नेटवर्क सिर्फ दवा से नहीं, बल्कि संगठित वित्तीय तंत्र से चलता था.
मामले में हो सकती हैं अभी और गिरफ्तारियां
पकड़े जाने से पहले भोला प्रसाद अपने पूरे परिवार के साथ थाईलैंड भागने की तैयारी में था. पासपोर्ट, टिकट, संपर्क सब तैयार लेकिन पुलिस ने प्लान को कोलकाता एयरपोर्ट में ही ध्वस्त कर दिया. पूरे नेटवर्क की फर्जी बिलिंग, मनी ट्रेल और गोदाम ऑपरेशन की जांच जारी है. कई और गिरफ्तारियां होने की संभावना भी जताई जा रही. भोला से एसआईटी, भदोही, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र की टीमें पूछताछ करेंगी.
नेटवर्क के कई और चेहरे आ सकते हैं सामने
अब SIT फर्जी कंपनियों के मालिकों, ट्रांसपोर्ट एजेंटों, और फंडिंग चैनल के हर सदस्य को चिन्हित कर रही है. CA विष्णु अग्रवाल की तलाश तेज हो गई है. गोडाउन मालिक और किरायेदारों की भी पूछताछ शुरू हो चुकी है. ये जांच यूपी, झारखंड और NCR के बीच एक बड़े ड्रग रैकेट को समाप्त कर सकती है. तो कुल मिलाकर सोनभद्र पुलिस की सतर्कता और SIT की लगातार कार्रवाई ने एक बड़े राष्ट्रीय स्तर के कफ सिरप ड्रग रैकेट को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. भोला प्रसाद की गिरफ्त में आने के बाद अब इस नेटवर्क के कई और चेहरे सामने आ सकते हैं.
18 अक्टूबर को हुई थी पहली कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि जब 18 अक्टूबर को आबकारी टीम के साथ चेकिंग कर रही थी, इस दौरान दो कंटेनर में 1लाख 19 हजार कफ सिरफ पकड़ा गया. जब पुलिस मामले में विवेचना करना शुरू की तो इसके तार गजियाबाद और रांची झारखंड से भी जुड़े हुए पाए गए. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जब इस मामले में जांच की गई तो पाया गया कि जनपद में भी कई दुकानों के होने और वहां पर अन्य दवाइयां भी सप्लाई किए जाने की बात सामने आई लेकिन जब जांच किया गया तो ऐसा कुछ भी नहीं मिला.
इस मामले को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय के नेतृत्व में सीट की टीम गठित की गई एसआईटी द्वारा मामले की जांच में यह खुलासा हुआ कि रावटसगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत भोला प्रसाद जायसवाल के द्वारा दो कंपनियां जिसमें शैली ट्रेडर्स द्वारा जनपद भदोही चंदौली वाराणसी और सोनभद्र में लगभग 25 करोड़ के लेनदेन का खुलासा हुआ, जबकि दूसरी कंपनी मां कृपा मेडिकल एवं मैसेज के नाम से पाई गई.
जांच में पाया गया कि इन दोनों कंपनियों का संचालन कफ सिरप तस्करी के मास्टरमाइंड भोला प्रसाद जायसवाल के द्वारा किया जा रहा है. जब एसआईटी टीम मामले की जांच में यह भी पता चाला की भोला प्रसाद के द्वारा ही इन दोनों कंपनियों का संचालन किया जा रहा है तो इस दौरान जानकारी यह भी मिली कि कोलकाता एयरपोर्ट से भोला प्रसाद जायसवाल अपने फैमिली के साथ थाईलैंड भागने की फिराक में था.
पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड पर लाया सोनभद्र
पुलिस ने कोलकाता पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार की और ट्रांजिट डिमांड पर फ्लाइट से पटना एयरपोर्ट लाई और वहां से सोनभद्र लाया गया वहीं पुलिस के द्वारा अब कफ सिरप तस्करी के मास्टरमाइंड भोला प्रसाद जायसवाल को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड लेने के प्रयास में जुटी हुई है.