मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गुरुवार (14 अगस्त) को उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन को संबोधित करते हुए अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल (2017-2025) में शहरी और ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर में हुए सुधारों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के शासनकाल में शहरी और ग्रामीण विकास अव्यवस्थित और बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहा.

इस दौरान शहरी क्षेत्रों में अधूरा कवरेज और असंतुलित विकास की स्थिति थी. सीएम योगी ने अपने कार्यकाल में शहरीकरण को गति देने के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला, जिसमें 117 नए नगरीय स्थानीय निकाय बनाए गए और 123 का विस्तार किया गया. इसके साथ ही 17 स्मार्ट सिटी का निर्माण किया गया और जिला मुख्यालय वाले नगर निकायों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई गई.

मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर सुनियोजित शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ सहित छह जनपदों को शामिल करते हुए राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) का गठन किया गया है. इसके अलावा वाराणसी-विन्ध्य इकोनामिक रीजनल डेवलेपमेंट प्लान अपने अंतिम चरण में है. इन पहलों का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में आर्थिक विकास और बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देना है. योगी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने शहरीकरण को न केवल व्यवस्थित किया है, बल्कि इसे आर्थिक प्रगति का आधार भी बनाया है.

योगी सरकार ने अमृत योजना के तहत महत्वपूर्ण कदम उठाए

शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए योगी सरकार ने अमृत योजना के तहत महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि AMRUT 1.0 के अंतर्गत 10,273 करोड़ रुपये की 328 परियोजनाओं के माध्यम से 9.21 लाख जल कनेक्शन और 8.77 लाख सीवर कनेक्शन प्रदान किए गए. इसके साथ ही 423 एकड़ हरित क्षेत्र का विकास भी किया गया. AMRUT 2.0 के तहत 15,629 करोड़ रुपये की 539 परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिनमें 43 लाख जल कनेक्शन और 5 लाख सीवर कनेक्शन प्रस्तावित हैं.

सीएम योगी ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य ने खुले में शौच से मुक्ति (ODF) के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है और आकांक्षी नगर योजना व सीएम नगर सृजन योजना के तहत शहरी विकास को और गति दी जा रही है. ग्रामीण विकास के क्षेत्र में भी योगी सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से 2017 तक ग्रामीण क्षेत्रों में घर, बिजली, सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का व्यापक अभाव था. उनकी सरकार ने 2017 से 2025 तक 56.80 लाख से अधिक परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराए, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर योगी सरकार ने दिया जोर

इसके अलावा, मनरेगा के तहत 235 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 42% से अधिक रही. रोजगार और आजीविका को बढ़ावा देने के लिए 98 लाख से अधिक परिवार स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जुड़े और 2,510 उचित दर की दुकानें SHG द्वारा संचालित की जा रही हैं. योगी ने ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी जोर दिया. उन्होंने बताया कि 165 विकास खंड मुख्यालयों को दो-लेन सड़कों से जोड़ा गया और 1,385 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया.

मृत सरोवर निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर

इसके साथ ही, 25,000 किलोमीटर ग्रामीण मार्गों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया गया. ग्रामीण क्षेत्रों में अमृत सरोवर निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, और आपदा मित्र को हर गांव में तैनात किया गया है, ताकि आपदा प्रबंधन में स्थानीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई हो सके.