UP North–South Corridor: उत्तर प्रदेश की सड़कों और संपर्क मार्गों को और मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर बनाने की दिशा में तेजी से काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं. उनका कहना है कि अब तक यूपी में अधिकतर हाईवे और एक्सप्रेसवे पूर्व-पश्चिम दिशा में बने हैं, लेकिन अब जरूरत उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर की है, जो नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी जिलों तक को जोड़ेगा.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की जिसमें कई अहम निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर दक्षिण कॉरिडोर से प्रदेश की कनेक्टिविटी मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से भी सीधे हो सकेगी. साथ ही सीमावर्ती जिलों में व्यापार, उद्योग और रोज़गार को नया बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां-जहां यह कॉरिडोर राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ेगा, वहां एनएचएआई का सहयोग लिया जाए और बाकी हिस्सों में राज्य सरकार खुद निर्माण कराए. जरूरत पड़ी तो ग्रीनफील्ड (नई) सड़कें भी बनाई जाएंगी.

स्थानीय निर्माण सामग्री को मिलेगा बढ़ावामुख्यमंत्री ने बैठक में साफ तौर पर कहा कि निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री—जैसे सीमेंट, सरिया आदि—उत्तर प्रदेश की स्थानीय फैक्ट्रियों से ली जाए, बशर्ते उनकी गुणवत्ता ठीक हो. इससे प्रदेश के उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा. लोक निर्माण, परिवहन और पुलिस विभाग को मिलकर काम करें. सड़क किनारे साइनेज, सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षित स्पीड ब्रेकर लगें ताकि दुर्घटनाएं कम हों.

सीएम ने शहरों और गांवों दोनों का ध्यान रखने के निर्देश दिए और कहा कि जिन नगर निकायों की आबादी एक लाख से ज्यादा है, वहां ट्रैफिक की परेशानी को दूर करने के लिए बाईपास, फ्लाईओवर और रिंग रोड बनाए जाएं. साथ ही गांवों को भी पंचायत निधियों से अच्छी सड़क सुविधाएं दी जाएं, जिससे हर कोने तक बेहतर कनेक्टिविटी पहुंचे. 

धार्मिक स्थलों और औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ा जाएप्रयागराज और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों में नए पुल और रेल ओवरब्रिज (ROB) प्रस्तावित हैं, जिनसे भारी ट्रैफिक का दबाव कम होगा. इन योजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाएगा. सरकार ऐसे धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी बेहतर करेगी. जहां साल भर में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं. इसके लिए 272 प्रमुख मार्गों को अपग्रेड किया जाएगा. वहीं, 33 ऐसी औद्योगिक परियोजनाएं भी चयनित की गई हैं जो लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल पार्क्स को सीधे नेशनल और स्टेट हाईवे से जोड़ेंगी.

उत्तर प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में सड़क और हाईवे निर्माण में बड़ी प्रगति हुई है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं या अंतिम चरण में हैं. इनसे औद्योगिक विकास, निवेश और क्षेत्रीय संतुलन को बढ़ावा मिला है. अब उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर जैसे नए प्रयास से प्रदेश का हर क्षेत्र, खासकर पिछड़े इलाके, विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे. यह नया रोडमैप उत्तर प्रदेश को सड़कों के नेटवर्क में और मजबूत करेगा, जिससे जनता को सुविधाएं और राज्य को नई गति मिलेगी. 

सोफिया कुरैशी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पर भड़कीं मायावती, बसपा चीफ ने कहा- ये लोग ऑपरेशन सिंदूर...