मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सपा सांसद का जिक्र करते हुए कहा कि जब वंदे मातरम को लेकर आयोजन हुआ तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया. ये वहीं लोग हैं जो जिन्ना के कार्यक्रमों शर्मनाक तरीके से शामिल होते हैं. 

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सीएम योगी ने गोरखपुर में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आज हमारा दायित्व बनता है कि हम उन कारणों को ढूंढे, जो समाज को बांटने वाले हैं. यह जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर विभाजन नए जिन्ना को पैदा करने की साजिश का हिस्सा है. हमें याद करना होगा भारत के अंदर कोई नया जिन्ना पैदा न होने पाए और वह पैदा होने का साहस करता है, तो हमें उससे पहले कि वह भारत की अखंडता को चुनौती दे, उसे दफन करके रख देना होगा.

उग्रवाद और आतंकवाद बना चुनौती

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उग्रवाद और आतंकवाद जो लगातार भारत की एकता अखंडता को चुनौती दे रहा है. जो भी भारत के महापुरुषों का क्रांतिकारी का अपमान करते हैं, जिनके कारण भारत की एकता राष्ट्रीयता को चुनौती मिलती है. हमें एकजुट होकर खड़ा होना होगा यह एकता यात्रा भारत के हर नागरिक की एकता अखंडता के प्रति प्रतिबद्ध करती है.

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सीएम योगी ने कहा कि हम सब भारतवासियों को इस बात को ध्यान में रखना होगा कि हमारी आस्था हमारी जगह है हमारी आस्था भारत की एकता अखंडता में बाधा पैदा कर रही है तो हमें उसे एक और करना होगा. सबसे पहले हमें हमारी राष्ट्रीय अखंडता के लिए प्राण और प्राण से जूझने के लिए तैयार रहना होगा.

'दूसरा जिन्ना पैदा न हो पाए'

1876 के बाद कौन सा ऐसा क्रांतिकारी रहा है जिसने वंदे मातरम का उद्घोष न किया हो. जो मंत्र भारत की आजादी का कारण बना हो, उस मंत्र को भी लोगों ने सांप्रदायिक कह कर उसमें संशोधन करने का प्रयास किया. कांग्रेस ने कहा ये पांच या छह छंद का क्यों पढ़ना है दो छंद में ही हो जाए. कोई व्यक्ति, जाति, मत कोई मजहब किसी राष्ट्र से बढ़कर नहीं हो सकता.

वंदे मातरम का विरोध ही भारत के विभाजन का कारण बना था. कांग्रेस ने उस समय मोहम्मद अली जौहर को पद से हटा दिया होता और वंदे मातरम का सम्मान किया होता, तो भारत का दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन नहीं हुआ होता. राष्ट्रीय एकता और अखंडता को कमजोर करने वाले कारकों को ढूंढना होगा उसे पर प्रभावी प्रहार करना पड़ेगा जिससे आने वाले समय में कोई दूसरा जिंदा पैदा होकर भारत के अखंडता को चुनौती न देने पाए.