Meerut News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार, 19 मई को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में जनपद मेरठ को स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में 'इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान' की समीक्षा की.
इस बैठक में सीएम को बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग ₹15 हजार करोड़ है. इनमें से 06 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है. जनपद मेरठ की ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए सभी योजनाएं पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप क्रियान्वित की जाएं.
इसके बाद सीएम ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर औद्योगिक विकास तक की यात्रा में मेरठ एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. खेल, उद्योग तथा शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र होने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता के कारण यह शहर विशेष पहचान रखता है. इसके दृष्टिगत इसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.
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CCTV कैमरों की फुटेज पुलिस को सुलभ हो- सीएममुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ शहर की भीड़-भाड़ की समस्या और यातायात कन्जेशन को दूर करने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम को समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्मार्ट मेरठ नगर में डिजिटल होर्डिंग्स लगाई जाएं, पूरे नगर को CCTV कवरेज में लाया जाए तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आम नागरिकों के सहयोग से निगरानी तंत्र को सशक्त बनाया जाए. CCTV कैमरों की फुटेज आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को सुलभ होनी चाहिए.
सीएम ने कहा कि मेरठ को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में ढालना है. इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के साथ सिटी बस सेवा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए.
उन्होंने कहा कि स्वच्छ नगर की परिकल्पना को साकार करने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण को सुनिश्चित किया जाए. नदियों के पुनर्जीवन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं. सीवर निस्तारण के लिए STP अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन ड्रेनेज को प्राकृतिक व्यवस्था से जोड़ना अधिक प्रभावी होगा.