उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार 18 नवंबर को गोरखपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के नवीन उच्चीकृत भवन जी+6 का लोकार्पण किया. इसके निर्माण में 72.78 करोड़ रुपये की लागत आई हैं. सीएम योगी ने कहा कि इस अत्याधुनिक फॉरेंसिंक लैब के बनने से मॉडर्न पुलिसिंग के लिए गेम चेंजर होगी.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में कहीं पर भी आतंकी घटनाएं घटित होती हैं, कहीं अपराधी अपने हथियार से फायर कर अपराध करते है. पहले बेलेस्टिक जाँच में समय लगता था लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा. अब डीएनए जाँच की सुविधा भी गोरखपुर की लैब में हो सकेगी. अपराधी अब बच नहीं सकेगा.
'रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे'
इसके लिए प्रदेश में रोज़गार भी पैदा हो सकते हैं इसके लिए हमने लखनऊ में यूपी फारेंसिक संस्थान का गठन किया है जिसमें अलग-अलग पाठ्यक्रम रखे गए हैं. ये आज का नए समय में नए अपराधों को रोकने लिए वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से साक्ष्य उपलब्ध कराने की दिशा में अहम कदम होगा.
आज गोरखपुर की इस अपग्रेड लैब में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी. जो वास्तव में जाँच में तेजी लाने, सटीक और साक्ष्य आधारित जाँच में हो सकेगी. ये फारेंसिक लैब माडर्न पुलिसिंग के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी. जिसके जरिए समय से सुसंगत न्याय उपलब्ध कराकर अपराधी को समय पर सजा दिलाई जा सकेगी.
भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने का दावा
सीएम योगी ने इस दौरान भर्ती की प्रक्रिया को तेजी लाने का भी दावा किया. उन्होंने कहा की भर्ती प्रक्रिया में तेजी से बढ़ाने का भी काम किया जा रहा है. युवाओं के लिए नौकरी की संभावना 2 लाख 19 हजार पुलिसवालों की भर्ती 8 सालों में करके बड़ा काम किया है.
सरकार ने यूपी के 7 जिलों में पुलिस कमिश्नेरेट सिस्टम हम लागू किया है. अब कुछ ही घंटों में अपराधी शिकंजों में होता है और लंगड़ाते हुए दिखता है. पीएसी बल को हम लोगों ने फिर से गठित किया है. प्रदेश सरकार का लक्ष्य हर मंडल में अत्याधुनिक फ़ॉरेंसिंक लैब का निर्माण करना है.
बता दें कि गोरखपुर में फ़ॉरेंसिंक लैब के भवन को उच्चीकृत कर छह मंजिला बनाया गया है. इसके साथ ही अब यहां फोरेंसिक जांच सुविधाओं का विस्तार हो जाएगा. उच्चीकृत लैब की बिल्डिंग में लैपटॉप, मोबाइल, सीसीटीवी के डाटा स्टोरेज की रिकवरी के साथ आवाज संबंधी फोरेंसिक जांच भी होगी.