CM Yogi distributed appointment letters: उत्तर प्रदेश के लोकभवन सभागार में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 494 सहायक अध्यापकों और 49 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए. ये सभी अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज द्वारा चयनित हुए हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया को राज्य की नई कार्य संस्कृति का उदाहरण बताया.

नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नवचयनित शिक्षकों की खुशी देखते ही बन रही थी. इनमें से कई ने कहा कि उन्हें नौकरी ईमानदारी से मिली है और अब वे बच्चों को पूरी निष्ठा के साथ पढ़ाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार अब बिना किसी सिफारिश, भ्रष्टाचार या पक्षपात के युवाओं को रोजगार दे रही है.

चयनित प्रवक्ता ने जताया सीएम योगी का आभारबलिया के शैलेंद्र कुमार सिंह, जिनका चयन प्रवक्ता पद पर हुआ उन्होंने कहा, “यह हमारे सपने पूरे होने जैसा है. पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी और अब हम अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करेंगे.” वहीं बलिया के ही आशीष कुमार सिंह, जो सोशल साइंस विषय में सहायक प्रवक्ता बने हैं, उन्होंने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है कि बिना किसी सिफारिश या शुल्क के चयन हुआ है.

अलीगढ़ की प्रीति शर्मा, जिन्हें मथुरा में कला विषय के सहायक अध्यापक पद की नियुक्ति मिली है, ने कहा कि वह इस निष्पक्ष चयन के लिए सरकार की आभारी हैं. मऊ की पूजा यादव और मीरजापुर के रमेश कुमार ने भी यही भावना दोहराते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया.

योगी सरकार में सरकारी भर्तियों में बढ़ी पारदर्शितायोगी सरकार के आने के बाद पिछले कुछ वर्षों में सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता का स्तर काफी बढ़ा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में 6 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी मिली है. पहले की सरकारों में जहां नौकरियों में भ्रष्टाचार और सिफारिश का बोलबाला था, वहीं अब यह पूरी प्रक्रिया तकनीकी और पारदर्शी बना दी गई है.

सीएम योगी ने कार्यक्रम में कहा कि अब युवाओं को योग्यता के आधार पर अवसर मिल रहा है. उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि, वे अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और समर्पण से निभाएं, क्योंकि बच्चों का भविष्य उनके हाथों में है. इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल राज्य सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रणाली का उदाहरण सामने आया, बल्कि उन हजारों युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा बनी जो मेहनत और लगन से अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं. मुख्यमंत्री योगी का यह कदम शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने और सरकारी नौकरी की गरिमा को बहाल करने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है.

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