वाराणसी, एबीपी गंगा। प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अधूरी पड़ी पाइप पेयजल योजना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त दिखाई दे रहे हैं। सीएम ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जो भी अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे उन्हें 30 जून के बाद जेल भेजा जाएगा। योगी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 1000 करोड़ खर्च करने के बावजूद वाराणसी में लोग पानी के लिए परेशान हैं। योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि वाराणसी पेजयल पाइप लाइन योजना से वर्ष-2010 से लेकर 30 जून 2019 तक जुड़े रहे सभी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। योगी ने यह भी कहा कि जो लोग योजना में देरी के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें जुलाई के पहले हफ्ते में जेल भेजा जाए।

बतादें कि योगी मंगलवार को लोकभवन में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। इस दौरान योगी ने जुलाई में प्रस्तावित राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक, जल निगम की समस्या, कानपुर टेनरीज और गंगा सफाई को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर विकास, वन एवं पर्यावरण, पंचायती राज और सिंचाई विभाग राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक के लिए कार्य योजना तैयार करें।

सीएम ने इसके अलावा गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। बैठक में योगी ने कहा कि बिजनौर से लेकर बलिया तक के 25 जिलों में डिस्ट्रिक्ट गंगा कमेटियों का गठन किया जाए। साथ ही इन कमेटियों से सभी जिलों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ ग्राम प्रधानों को जोड़ा जाए।