मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अवैध घुसपैठ पर त्वरित और सख्त कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिला प्रशासन अपने क्षेत्र में रहने वाले अवैध घुसपैठियों की पहचान सुनिश्चित करे और नियमानुसार कार्रवाई शुरू करे.

Continues below advertisement

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि घुसपैठियों को रखने के लिए प्रत्येक जनपद में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएं. इन केंद्रों में विदेशी नागरिकता के अवैध व्यक्तियों को रखा जाएगा और आवश्यक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने तक वहीं आवास सुनिश्चित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए अवैध घुसपैठियों को तय प्रक्रिया के तहत उनके मूल देश भेजा जाएगा.

ये भी पढ़ें: बंगाल में बाबरी मस्जिद की घोषणा पर अयोध्या के संतों ने जताई आपत्ति, TMC सांसद पर रखा इनाम

Continues below advertisement

वहीं शुक्रवार को लखनऊ में फिक्की एफएलओ (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री लेडीज ऑर्गनाइजेशन) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि  उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता जनता, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना रही है. 

सीएम  ने कहा, “यह स्वाभाविक है कि किसी समाज को उसकी आधी आबादी की अनदेखी करके आत्मनिर्भर नहीं बनाया जा सकता.” उन्होंने कहा कि जब भाजपा राज्य में सत्ता में आई थी, तब असुरक्षा का माहौल था और कानून-व्यवस्था दयनीय थी. उन्होंने कहा, “न तो व्यापारी, उद्योगपति और न ही बाजार की बेटियां सुरक्षित थीं. उस समय (जब हम सत्ता में आए थे) हमारी पहली प्राथमिकता सुरक्षा थी.” 

सीएम ने आगे कहा, “महत्वपूर्ण बात यह है कि जब व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं है, तो पूंजी (धन) कैसे सुरक्षित रह सकती है? जब व्यापारी, बेटियां और बाजार असुरक्षित हों, तो हम किस विकास की बात करें?” उन्होंने कहा कि पिछले आठ-साढ़े आठ वर्ष में राज्य सरकार ने जिस “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम किया है, उसके तहत उत्तर प्रदेश ने एक लंबी छलांग लगाई है और “आज उत्तर प्रदेश देश में एक आदर्श राज्य के रूप में जाना जाता है.”